सुधांशु / पटना । बिहार के मुजफ्फरपुर में बालिका शेल्टर होम में 34 बच्चियों के साथ रेप के आरोपी ब्रजेश ठाकुर को सीबीआई ने इस जघन्य कांड में अरेस्ट कर लिया है। राजनीति में असफल रहने के बाद भी ब्रजेश ठाकुर के सितारे बहुत तेजी से चमके। ठाकुर ने तीन समाचार पत्र शुरू किए और अपने बेटे तथा बेटी को इसका संपादक बना दिया। पांच साल पहले उसने एनजीओ की दुनिया में कदम रखा और सरकारी ठेके तथा विज्ञापन हथियाकर मुजफ्फरपुर और पटना में अपना वर्चस्व स्थापित किया।
ब्रजेश ठाकुर के एनजीओ द्वारा संचालित शेल्टर होम में बच्चियों के साथ रेप के खुलासे के बाद राज्य की नीतीश सरकार बैकफुट पर आ गई है। नीतीश कुमार की पार्टी अब ठाकुर को ‘सबसे बदनाम व्यक्ति’ करार दे रही है। जेडीयू के नेता केसी त्यागी कहते हैं, ‘उसका जेडीयू के साथ कोई संबंध नहीं है। वह हमारी पार्टी का सदस्य भी नहीं है।’
त्यागी ने कहा कि इस घटना के सामने आने के बाद हमारा सिर मारे शर्म के नीचे झुक गया है। ब्रजेश ठाकुर के इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि वह गैंगस्टर आनंद मोहन की पूर्व में बनी पार्टी ‘बिहार पीपल पार्टी’ के टिकट पर वर्ष 1995 और 2000 में मुजफ्फरपुर से चुनाव लड़ा था। दोनों ही बार उसे हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद उसने अपने पिता के न्यूज पेपर ‘प्रत्यय कमल’ पर अपना ध्यान केंद्रित किया।
एक लड़की ने शेल्टर होम में शव गाड़े जाने की शिकायत की थी
करीब दो दशक पहले ही उसे पीआईबी से मान्यता मिल गई थी जो बुधवार को रद्द कर दी गई। यही नहीं वह राज्य की पत्रकारों को मान्यता देने वाली कमिटी में भी शामिल था। एक स्थानीय पत्रकार ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, ‘उसका लक्ष्य सरकारी विज्ञापन था जो उसे काफी मात्रा में मिल गया था। इसके बाद उसने वर्ष 2012 में न्यूजनेक्स्ट नाम से अंग्रेजी और हालात-ए-बिहार नाम से ऊर्दू में अखबार शुरू किया। उसने अपने बेटी और बेटी को इसका संपादक बना दिया।’
वर्ष 2013 में ठाकुर ने अपना एनजीओ सेवा संकल्प और विकास समिति शुरू किया और उसे मुजफ्फरपुर में बिहार सरकार की ओर से संचालित चाइल्ड शेल्टर होम को संचालित करने का ठेका मिल गया। ठाकुर ने जिला बाल कल्याण कमिटी के साथ मिलीभगत कर लिया जो चाइल्ड शेल्टर होम का सर्वेक्षण करती है। साथ ही यह बताती है कि कहां पर काम सही तरीके से नहीं हो रहा है।
सीबीआई के एक अधिकारी ने मुजफ्फरपुर से बताया, ‘कोई सर्वे नहीं हुआ। कमिटी के चेयरमैन दिलीप वर्मा फरार चल रहे हैं और एक सदस्य रवि रोशन जेल में बंद चल रहे हैं। स्थानीय बाल संरक्षण अधिकारी रवि रोशन भी इन अपराधों को छिपाने के लिए जेल में हैं।’ सीबीआई ब्रजेश ठाकुर की राजदार मधु की भी तलाश कर रही है। मध ही ठाकुर का शेल्टर होम चलाती थी। इन लोगों के खिलाफ सीबीआई की जांच जारी है।