जनजीवन ब्यूरो / लखनऊ । यूपी के देवरिया में भी बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस जैसी घटना सामने आई है। लचर बिहार के सीएम नीतीश कुमार से सीख लेते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने देवरिया के डीएम और दो अफसरों को निलंबित कर दिया है। देवरिया के शेल्टर होम से भागी लड़की ने जो आरोप शेल्टर होम संचालकों पर लगाए हैं, वे बेहद गंभीर हैं। पुलिस ने संचालिका और उसके पति को गिरफ्तार कर लिया। छुड़ाई गई लड़कियों ने जो कहानी सुनाई है वो रोंगटे खड़े कर देने वाली है। देवरिया के इस शेल्टर होम से 24 लड़कियों को मुक्त कराया गया है और करीब 18 लड़कियां अभी भी गायब हैं। शेल्टर होम को प्रशासन ने सील कर दिया है। लड़कियों ने पुलिस को बताया है कि किस तरह गाड़ियों से लोग शेल्टर होम में आते थे और यहां से लड़कियों को ले जाते थे। इस बीच
रविवार देर रात पुलिस अधीक्षक रोहन पी. कनय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मां विंध्यवासिनी महिला एवं बालिका संरक्षण गृह की सूची में 42 लडकियां दर्ज हैं। लेकिन छापे में मौके पर केवल 24 मिलीं। बाकी का पता किया जा रहा है। नारी संरक्षण गृह के बारे में लंबे समय से शिकायत मिल रही थी। अनियमितताओं के कारण इसकी मान्यता जून-2017 में समाप्त कर दी गई थी। सीबीआई ने भी संरक्षण गृह को अनियमितताओं में चिह्नित कर रखा है। संचालिका हाईकोर्ट से स्थगनादेश लेकर इसे चला रही हैं।
एसपी ने बताया कि बिहार के बेतिया जिले की 10 साल की बच्ची देर शाम को किसी तरह संरक्षण गृह से निकलकर महिला थाने पहुंची। वहां उसने संरक्षण गृह की अनियमितताओं के बारे में जानकारी दी। बच्ची के मुताबिक, वहां शाम चार बजे के बाद रोजाना कई लोग काले और सफेद रंग की कारों से आते थे और मैडम के साथ लड़कियों को लेकर जाते थे। वे देर रात लौटती थीं। संरक्षण गृह में भी गलत काम होता है। बच्ची ने बताया, उससे भी झाड़ू-पोंछा तथा घर के अन्य काम कराए जाते थे।
एसपी ने बताया कि पुलिस ने रात में ही नारी संरक्षण गृह में छापा मारा। वहां रजिस्टर में अलग-अलग आयु वर्ग की 42 लड़कियां दर्ज हैं। मिलान करने पर 18 लड़कियां नहीं मिलीं। संचालिका गिरिजा त्रिपाठी और उनके पति मोहन इनके बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पत्रकार वार्ता मेें एसपी के साथ जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार और बाल संरक्षण अधिकारी जेडी तिवारी मौजूद थे।