जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । लोकसभा में एससी/एसटी (अत्याचार रोधी) संशोधन बिल 2018 सोमवार को पास हो गया। यह बिल राज्यसभा में पहले ही पास हो चुका है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 20 मार्च के अपने फैसले में इस कानून के प्रावधानों में कई बदलाव करते हुए ऐसे मामले में आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। इस मुद्दे पर जहां कई दलित संगठनों ने 9 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया था, कई सहयोगी दलों के साथ-साथ भाजपा के भी एससी-एसटी सांसद सरकार से खासे नाराज थे।
सदन में चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के भानू प्रताप सिंह ने कहा कि यह विधेयक आज के समय की जरूरत थी और इस मामले की गंभीरता एवं संवेदनशीलता को सभी लोगों को समझना चाहिए। उन्होंने एसी-एसटी कानून पर उच्चतम न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि न्यायपालिका को विधायिका के काम में दखल नहीं देना चाहिए।
आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर ने कहा कि कानून के साथ ही सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दलित और अल्पसंख्यक हिंसा एवं उत्पीड़न का सामना नहीं करें। भाजपा के रतन कटारिया ने कहा कि कांग्रेस के इस आरोप में कोई दम नहीं है कि यह विधेयक दबाव में लाया गया है।
उन्होंने कहा कि इससे यह पता चलता है कि मोदी सरकार दलित समाज की सच्ची हितैषी है। जदयू के कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि इस विधेयक से फिर साबित हुआ है कि विपक्ष के इस आरोप में कोई दम नहीं है कि मोदी सरकार दलित विरोधी है । यह सरकार दलित हितैषी है।
इनेलोद के दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस विधेयक का वो हश्र नहीं हो जो राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग विधेयक का हुआ था जिसे शीर्ष अदालत ने निरस्त कर दिया था।
एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने विधेयक का समर्थन किया और कहा कि शाह बानो के मामले में जो कांग्रेस ने किया था, वही आज भाजपा सरकार दलितों के मामले में कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भी वोट की खातिर तुष्टीकरण किया था और भाजपा ने भी वही किया है।
सदन में चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के भानू प्रताप सिंह ने कहा कि यह विधेयक आज के समय की जरूरत थी और इस मामले की गंभीरता एवं संवेदनशीलता को सभी लोगों को समझना चाहिए। उन्होंने एसी-एसटी कानून पर उच्चतम न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि न्यायपालिका को विधायिका के काम में दखल नहीं देना चाहिए।
आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर ने कहा कि कानून के साथ ही सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दलित और अल्पसंख्यक हिंसा एवं उत्पीड़न का सामना नहीं करें। भाजपा के रतन कटारिया ने कहा कि कांग्रेस के इस आरोप में कोई दम नहीं है कि यह विधेयक दबाव में लाया गया है।
उन्होंने कहा कि इससे यह पता चलता है कि मोदी सरकार दलित समाज की सच्ची हितैषी है। जदयू के कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि इस विधेयक से फिर साबित हुआ है कि विपक्ष के इस आरोप में कोई दम नहीं है कि मोदी सरकार दलित विरोधी है । यह सरकार दलित हितैषी है।
इनेलोद के दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस विधेयक का वो हश्र नहीं हो जो राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग विधेयक का हुआ था जिसे शीर्ष अदालत ने निरस्त कर दिया था।
एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने विधेयक का समर्थन किया और कहा कि शाह बानो के मामले में जो कांग्रेस ने किया था, वही आज भाजपा सरकार दलितों के मामले में कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भी वोट की खातिर तुष्टीकरण किया था और भाजपा ने भी वही किया है।