जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । देश में सबसे खुशहाल जिंदगी दिल्ली-एनसीआर के लोग जीते हैं। सबसे ज्यादा संपन्न लोग देश के महानगरों में ही बसते हैं और पूर्वी भारत से ज्यादा संपन्न पश्चिम भारत है। देश के एक चौथाई संपन्न लोग सिर्फ छह महानगरों और उसके आस पास के इलाके में बसते हैं।इनमें से 11% लोग अकेले दिल्ली एनसीआर में रहते हैं।यानि देश में सबसे ज्यादा संपन्न लोग राजधानी और एनसीआर में रहते हैं।राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे 2015-2016 ने विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है जिससे देश के अलग-अलग हिस्से में लोगों की संपन्नता का स्तर जाहिर होता है।
सबसे ज्यादा संपन्नता
देश में सबसे ज्यादा संपन्न लोग दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं । जबकि दिल्ली के बाद व्यवसायिक राजधानी मुम्बई का नम्बर आता है जहां सबसे ज्यादा संपन्न लोग रहते हैं।इस सूची में पुणे भी है जहां मुम्बई की तरह ही दिल्ली के बाद सबसे ज्यादा अमीर लोग हैं।मुम्बई-पुणे के बाद चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता और बंगलुरु के लोग सबसे ज्यादा संपन्न लोगों में शुमार हुए है।
महानगरों की संपन्नता
दिल्ली-एनसीआर में अमीर आबादी 54% है जबकि राजधानी और आसपास के श्रेत्र में गरीब 2।61% हैं। हैदराबाद में अमीरों की संख्या 40।13 % तक पहुंच चुकी है जबकि गरीब लोग 1।47% हैं। मुम्बई-पुणे में अमीर- 41।34% और गरीब- 2।08% जबकि कोलकाता में अमीर की आबादी 16।81% है और आबादी की 6।34% संख्या गरीब की है।अब बात बंगलुरु की करें तो अमीर- 50।93% हैं और गरीब- 0।73% वहीं चेन्नई में सबसे ज्यादा अमीर- 61।80%
हैं और गरीब- 0।22% हैं।
संपन्नता का पैमाना
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे 2015-2016 के मुताबिक ये सर्वे छह लाख से ज्यादा लोगों के घरों पर मौजूद सुख-सुविधा की चीजें और रोजाना होने वाली आय पर आधारित है।इस रिपोर्ट के मुताबिक पक्का मकान, बिजली कनेक्शन, फोन , टेलीविजन, एसी/कूलर,रेफ्रीजिरेटर,वॉशिंग मशीन और कार में से जिसके पास कम से कम छह समान हो वो संपन्न लोगों के पैमाने के हिसाब से अमीर है।
जातीय बंटवारा
50 फीसदी समान्य वर्ग जो गैर मुस्लिम हैं वो अमीर लोगों की सूची में हैं जबकि 4% समान्य लोग गरीबी की श्रेणी में आते हैं। 25 फीसदी मुस्लिम और ओबीसी भी अमीर के श्रेणी में आते हैं और पर ज्यादातर आबादी मध्यम समूह में हैं।
शिक्षा और आय
50 फीसदी गैर मुस्लिम सामान्य वर्ग के परिवार में कम से कम एक व्यक्ति बारहवीं पास है।जबकि 15 % अनुसूचित जनजाति परिवार ऐसे हैं जिनमें उच्च माध्यमिक से अधिक शिक्षा प्राप्त लोग हैं। शिक्षा के हिसाब से ही लोगों को रोजगार और व्यवसाय पाने में मदद मिली हैं।
सबसे ज्यादा गरीबी
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे 2015-2016 के अनुसार सबसे ज्यादा गरीबी उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती में हैं ,यहां की आबादी की 61% लोग गरीब हैं जबकि देश के 640 जिले सबसे ज्यादा विपन्न लोगों में आते हैं।
सबसे ज्यादा अमीर
पंजाब के जालंधर में सबसे ज्यादा संपन्नता देखी गई है,रिपोर्ट के मुताबिक 88% आबादी अमीर है जो देश में शीर्ष पर है।
राजधानी के लिए सबसे संपन्न होने का तमगा लोगों को यहां बसने के लिए आकर्षित तो करेगी लेकिन सुख-सुविधा का पैमाना और खुशियों का पैमाना एक दुसरे से काफी जुदा होता है, तो क्या छोटे शहरोंं के लोग महानगरों की चुनौतियों को मानसिक शांति और खुशी की जगह चुनेंगे?