जनजीवन ब्यूरो / पटना : सुशासन बाबू नीतीश कुमार के राज में वैशाली जिले के जंदाहा में रालोसपा के नेता मनीष साहनी की हत्या के बाद आज पटना में एक सरकारी अधिकारी की घर में घुसकर हत्या कर दी गई है। बताया जा रहा है कि कुछ अज्ञात लोगों ने मंगलवार सुबह अधिकारी के घर में घुसकर पहले लूटपाट की। विरोध करने पर गोली मार दी है। मारे गए अधिकारी योजना विभाग में अंडर सेक्रेटरी हैं।
अपराधियों ने राजीव कुमार को गोली मारी जिसके बाद उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद फिर से सवाल उठने लगे हैं कि क्या राजधानी की विधि व्यवस्था राभ भरोसे है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह आपसी रंजिश का मामला तो नहीं है। मामले की जांच एसपी सिटी के हाथ हैं।
वहीं अज्ञात लोगों ने जन्दाहा में सोमवार को राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेता मनीष साहनी की गोली मारकर हत्या कर दी। मोटरसाइकिल सवार दो हमलावरों ने जन्दाहा इलाके में स्थित उनके दफ्तर में घुसकर गोली मारी और वहां से फरार हो गए। हमलावर अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। फिलहाल मामले की जांच चल रही है। साथ ही आसपास के सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जा रहा है।
इस घटना के बाद साहनी के समर्थकों ने जन्दाहा पुलिस थाने के बाहर जमकर नारेबाजी की और थाने को आग के हवाले कर दिया। जिसके बाद मामले को बिगड़ता देख पुलिस ने हवाई फायरिंग कर प्रदर्शनकारियों को दूर किया। इस घटना में करीब 10 लोगों के घायल होने की खबर है। उन्हें इलाज के लिए पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
वहीं, केंद्रीय मंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रशासन पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि आखिर कितनी लाशों के बाद होश में आएगा शासन?
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा ‘रालोसपा के अति-पिछड़ा प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष मनीष साहनी की हत्या कोई आम घटना नहीं है। गोली चलने की आवाज थाने के अन्दर तक पहुंची होगी। प्रखंड कार्यालय और जन्दाहा थाना के बीच आधी सांस में पहुंचा जा सकता है। फिर भी अपराधी फरार ! आखिर क्या है यह?
उन्होंने एक अन्य ट्वीट करते हुए लिखा ‘क्या यही दिन देखने के लिए समता पार्टी के दौर में आपके (नीतीश कुमार) नेतृत्व में मेरे जैसे हजारों नौजवानों ने अपनी जवानी के 12 वर्ष कुर्बान किए थे? आखिर हम क्या जबाब दें मनीष की बिलखती मां और जवान विधवा को?’