जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । डॉलर के मुकाबले रुपया गुरुवार को 70.32 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच चुका है। बीते मंगलवार रुपया पहली बार डॉलर के मुकाबले 70 के निचले स्तर पर आ गया था। इससे पहले सोमवार को रुपये ने 69.93 का आंकड़ा छू लिया था। वहीं बुधवार को स्वतंत्रता दिवस के कारण बाजार बंद था।
मुद्रा कारोबारियों के अनुसार आयातकों की ओर से अमेरिकी मुद्रा की जबरदस्त मांग और विदेशी पूंजी की निकासी से घरेलू मुद्रा में कमजोर रुख देखा गया। इसके अलावा मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार व्यापार घाटे में अधिक बढ़ोत्तरी का भी रुपया पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश का व्यापार घाटा पांच साल के उच्च स्तर यानी 18 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
बता दें कि तुर्की की करंसी लीरा की वैल्यू में भारी गिरावट आने के बाद इमर्जिंग देशों की मुद्राओं में कमजोरी आई है, जिसकी गिरफ्त में सोमवार को रुपया भी आ गया। इस दिन इसमें पांच साल की सबसे बड़ी गिरावट आई। रुपया 1.58 पर्सेंट की गिरावट के साथ 68.93 के रिकॉर्ड लो लेवल पर पहुंच गया था।
तुर्की से मेटल इंपोर्ट पर अमेरिका द्वारा दोगुनी इंपोर्ट ड्यूटी लगाने के फैसले के बाद फॉरेक्स मार्केट में भूचाल आ गया। तुर्की की करंसी लीरा जो कि पहले से ही बेहाल थी, अब निचले स्तर का नया रेकॉर्ड बना रही है। इस साल इसमें करीब 40 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। इसका असर सोमवार को भारतीय रुपये पर पड़ा था जो अब तक जारी है।
ऐसी अटकलें लगाईं जा रही थी कि बिकवाली इतनी तेज थी कि रिजर्व बैंक ने भी रुपये में कमजोरी को रोकने की कोशिश नहीं की। सोमवार देर शाम को डेरिवेटिव मार्केट में डॉलर के मुकाबले रुपया 70 का लेवल पार कर चुका था।
रुपये में गिरावट आने के बाद विपक्ष ने भी मौजूदा सरकार को निशाने पर लिया था। कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट कर कहा था कि मोदी सरकार ने वह कर दिखाया जो 70 सालोंं में कभी नहीं हुआ था।