जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का पार्थिव शरीर भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय में रखा गया। तिरंगे में लिपटा वाजपेयी का पार्थिव शरीर फूलों से सजे तोप ले जाने वाले वाहन पर रखा हुआ था। पूरा रास्ता ‘अटल बिहारी अमर रहें’ के नारों से गूंजता रहा।
भाजपा मुख्यालय के बाहर बड़ी संख्या में लोग जमा हैं। वहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह सहित तमाम केन्द्रीय मंत्रियों एवं अन्य लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किये। वाजपेयी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। उनकी अंतिम यात्रा दोपहर एक बजे भाजपा मुख्यालय से शुरू होगी। उनका अंतिम संस्कार शाम चार बजे ‘राष्ट्रीय स्मृति स्थल’ पर किया जाएगा।
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री आई के गुजराल का अंतिम संस्कार यमुना नदी के किनारे दिसम्बर 2012 में स्मृति स्थल पर किया गया था। वाजपेयी जी का अंतिम संस्कार स्मृति स्थल में किया जाएगा जो देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के स्मारकों के बीच स्थित है। लंबी बीमारी के बाद कल एम्स में वाजपेयी का निधन हो गया। वह 93 वर्ष के थे।
LIVE अपडेट्स:
– डीएमके नेता ए राजा, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी।
– केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि दी।
– भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक, नेपाल के विदेश मंत्री पीके घ्यावा, श्रीलंका के कार्यकारी विदेश मंत्री लक्ष्मण किल्ला, बांग्लादेश के विदेश मंत्री अबुल हसन महमूद अली और पाकिस्तान के कानून मंत्री अली जफर आज दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देने के लिए दिल्ली पहुंचेगें।
– अटल बिहारी वाजपेयी का पार्थिव शरीर भाजपा मुख्यालय पहुंच गया है। यहां पीएम मोदी सहित भाजपा के नेता इंतजार कर रहे थे।
– इंडिया गेट पर पहुंचे रहा है पार्थिव शरीर, साथ-साथ चल रहे हैं भाजपा कार्यकर्ता। आखिरी झलक देखने के लिए सड़कों पर लोग खड़े हैं।
– भाजपा मुख्यालय के बाहर बहुत संख्या में लोग जमा हैं। यहां कुछ ही देर में पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के पार्थिव शरीर को लाया जाएगा।
– अटल बिहारी वाजपेयी के पार्थिव शरीर को भाजपा मुख्यालय लाया जा रहा है।
– भाजपा मुख्यालय पहुंचे पीएम मोदी।
– थोड़ी देर में कभी भी अटल बिहारी वाजपेयी के पार्थिव शरीर को भाजपा मुख्यालय लेकर जाया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह साथ रहेंगे।
– आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडू पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे।
– कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके आवास पर पहुंचे।
– राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी।
– भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने अटल बिहारी को श्रद्धांजलि दी।
– सेनाप्रमुख बिपिन रावत ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को दिल्ली के उनके आवास पर श्रद्धांजलि दी।
– दिल्ली डीसीपी मधुर वर्मा ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि दिल्ली पुलिस ने उनके अंतिम संस्कार जुलूस के लिए विस्तृत सुरक्षा व्यवस्था की है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जो लोग श्रद्धांजलि देने आते हैं, उनको ज्यादा असुविधा का सामना न करना पड़े और सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा।
– सेना के जिस वाहन में अटल बिहारी वाजपेयी के पार्थिव शरीर को उनको निवास से बीजेपी दफ्तर में लेकर जाया जाएगा। उसमें अटल बिहारी वाजपेयी के परिवार के लोगों के साथ पार्टी अध्यक्ष अमित शाह भी रहेंगे।
-आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को उनके आवास पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
– गीतकार जावेद अख्तर और उनकी पत्नी शबाना आजमी ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की। जावेद अख्तर ने कहा, ‘बहुत कम होता है जब एक राजनेता को पार्टी लाइन से बाहर इतना सम्मान मिलता है। अलग विचार धारा के लोग भी उनसे प्यार करते हैं क्योंकि वह सबसे प्यार करते थे।’
– केरल के राज्यपाल पी. सदाशिवम और तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
‘मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं, लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूं’
Atal Bihari Vajpayee
Atal Bihari Vajpayee
भाषाओं, विचारधाराओं और संस्कृतियों के भेद से परे एक कद्दावर और यथार्थवादी करिश्माई राजनेता। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक प्रबुद्ध वक्ता और शांति के उपासक होने के साथ साथ हरदिल अजीज और मंझे हुए राजनीतिज्ञ भी थे। वह वास्तव में भारतीय राजनीति के ‘‘अजातशत्रु’’ थे।
जन्म : 25 दिसंबर, 1924
स्थान : ग्वालियर
पिता : स्व. कृष्ण बिहारी वाजपेयी
माता : स्व. कृष्णा देवी
शिक्षा :
8वीं तक ग्वालियर के गोरखी मिडिल स्कूल में
10वीं ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलजिएट हाईस्कूल से
ग्वालियर के ही विक्टोरिया कॉलेज से स्नातक
कानपुर के डीएवी कॉलेज से एम.ए. (राजनीति विज्ञान)
लॉ प्रीवियस कानपुर से
कार्य : राजनीति, कवि, पत्रकार और समाजसेवा
राजनीतिक सफर
1951 : भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य।
1957 : दूसरी लोकसभा में बलरामपुर से सांसद चुने गए।
1662 : राज्यसभा सदस्य चुने गए।
1667 : चौथी लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए।
1968 : जनसंघ के अध्यक्ष बने।
1971 : पांचवीं लोकसभा के लिए चुने गए।
1977 : छठी लोकसभा के लिए चुने गए।
1977 : जनता पार्टी के संस्थापक और विदेश मंत्री बने।
1980 : सातवीं लोकसभा के लिए निर्वाचित।
1980 : भाजपा के अध्यक्ष बने।
1980 से 84, 1986, 1993-96 तक भाजपा संसदीय दल के नेता।
1986 : राज्यसभा सदस्य बने।
1991 : दसवीं लोकसभा के लिए चुने गए।
1993-96 : लोक सभा में प्रतिपक्ष के नेता बने।
1996 : ग्यारहवीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए।
1996-97 : लोकसभा में विपक्ष के नेता।
1998 : 12वीं लोकसभा के लिए चुने गए।
1999 : 13वीं लोकसभा के लिए चुने गए।
2004 : 14वीं लोकसभा के लिए चुने गए।
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और दिल्ली से लोकसभा के लिए चुने गए
ऐसे एकमात्र सांसद जिन्होंने चार राज्यों से लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया
वह लखनऊ लोकसभा सीट से लगातार पांच बार सांसद चुने गए
लोकसभा क्षेत्र जहां से सांसद चुने गए
बलरामपुर (1957, 1967), ग्वालियर (1971), नई दिल्ली (1977, 1980), विदिशा (1991), गांधीनगर (1996) और लखनऊ (1991, 1996, 1998, 1999, 2004)
प्रधानमंत्री बने
16 मई, 1996 से 31 मई, 1996
19 मार्च, 1998 से 12 अक्तूबर, 1999
13 अक्तूबर, 1999 से 13 मई, 2004 तक
पुस्तकें प्रकाशित
लोकसभा में अटलजी (भाषण संकलन), मृत्यु और हत्या, अमर बलिदान, कैदी कविराय की कुण्डलियां (इमरजेंसी के दौरान जेल में लिखा गया कविता संग्रह), न्यू डेमिनेशन ऑफ इंडियाज फॉरेन पॉलिसी, जनसंघ और मुसलमान, थ्री डेकेड इन पार्लियामेंट (तीन वाल्यूम में), अमर आग है (कविता संग्रह), मेरी 51 कविताएं, फोर डेकेड इन पार्लियामेंट (चार वाल्यूम) 1957-95, गठबंधन की राजनीति, बिंदु-बिंदु विचार, शक्ति से शांति, राजनीति की रपटीली राहें, कुछ लेख कुछ भाषण, ना दिनयाम ना पलायानाम, 21 कविताएं
सम्मान
पद्म विभूषण (1992), कानपुर विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में मानद डाक्टरेट की उपाधि (1993), लोकसभा तिलक पुरस्कार (1994), सर्वश्रेष्ठ सांसद के लिए भारत रत्न गोविंद बल्लभ पंत सम्मान (1994), भारत रत्न (2015)
अटल के बारे में कुछ हस्तियों के बयान
पंडित जवाहर लाल नेहरू : भविष्य में भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष बनेंगे अटल।
इंदिरा गांधी : महान देशभक्त और वक्ता।
मनमोहन सिंह : भारतीय राजनीति के भीष्म पितामह।
लालकृष्ण आडवाणी : आज के श्यामा प्रसाद मुखर्जी।
जार्ज फर्नांडिस : उनकी पारदर्शी अखंडता सबसे बड़ी पूंजी है।
पंडित भीमसेन जोशी : अटलजी अपवाद हैं।