जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । भारतीय राजनीति के शलाका पुरुष पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी शुक्रवार शाम 4.56 बजे पंचतत्व में विलीन हो गए। राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर हल्की बूंदाबांदी के बीच बेटी नमिता ने वाजपेयी के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी। इससे पहले दोपहर दो बजे भाजपा मुख्यालय से निकली अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा। रास्ते में लोगों ने जगह-जगह पार्थिव शरीर पर पुष्पवर्षा कर श्रद्धांजलि दी।
वाजपेयी की अंतिम यात्रा करीब एक घंटा 40 मिनट में छह किलोमीटर का सफर तय कर राष्ट्रीय स्मृति स्थल पहुंची। शाम करीब 3.40 बजे अंतिम यात्रा के राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर पहुंचने के बाद देश की तीनों सेनाओं ने सलामी दी।
तिरंगे में लिपटे वाजपेयी के शव को मुखाग्नि देने से पहले करीब 52 मिनट तक गार्ड ऑफ ऑनर और पुष्पचक्र के साथ श्रद्घांजलि दी गई। तीनों सेना ने सलामी के बाद पूर्व पीएम की नातिन निहारिका को पार्थिव शरीर पर लिपटे तिरंगे को अंतिम निशानी के रूप में सौंपा।
इसके बाद शाम चार बजकर 32 मिनट पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ वाजपेयी के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। निगम बोध के पंडित आचार्य रविंद्र शर्मा की निगरानी में अंत्येष्टि की प्रक्रिया शुरू हुई। वैदिक क्रियाओं के बाद पूर्व पीएम की बेटी नमिता कौल भट्टाचार्य ने उन्हें मुखाग्नि दी।
पीएम मोदी अंतिम यात्रा में पैदल चले
भाजपा मुख्यालय से शुरू हुई अंतिम यात्रा बहादुर शाह जफर मार्ग होते हुए दरियागंज के रास्ते राष्ट्रीय स्मृति स्थल तक पहुंची थी। इस दौरान जिस ट्रक पर पूर्व पीएम का पार्थिव शरीर रखा था, उसके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस, मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, सांसद मनोज तिवारी, सांसद अनुराग ठाकुर, उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित कई कैबिनेट मंत्री पैदल चलते नजर आए।
शाम 5 बजकर 22 मिनट पर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी करने के बाद वाजपेयी के परिजनों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और वहां मौजूद सभी लोगों को हाथ जोड़कर प्रणाम किया। अंतिम संस्कार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित तमाम राजनीतिक पार्टियों के नेता उपस्थित रहे।
कई देशों के प्रतिनिधि श्रद्धांजलि देने पहुंचे
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा तीनों सेनाध्यक्षों ने राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर वाजपेयी के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किए।
भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामगेयाल वांगचुक, बांग्लादेश के विदेश मंत्री अबुल हसन महमूद अली, नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, श्रीलंका के कार्यवाहक विदेश मंत्री तिलक मारापना व पाकिस्तान के कानून मंत्री भी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
सड़कों पर उमड़ा जनसैलाब
कृष्ण मेनन मार्ग स्थित पूर्व पीएम के आवास पर देर रात तक अंतिम दर्शन का सिलसिला चलता रहा। तमाम राजनेताओं के बाद आम जनता को दर्शन का अवसर मिला। वहीं शुक्रवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे तक अंतिम दर्शन के बाद पूर्व पीएम के पार्थिव शरीर को अकबर रोड के रास्ते करीब 11 बजे भाजपा मुख्यालय तक लाया गया।
इस दौरान सड़कों पर उमड़े जनसैलाब ने वाजपेयी के पार्थिव शरीर पर जगह-जगह पुष्पवर्षा कर श्रद्धांजलि दी। भाजपा मुख्यालय में देश के कोने कोने से आए नेताओं और आम लोगों ने पूर्व पीएम को श्रद्घांजलि दी।
आंसू रोक नहीं सकीं निहारिका
कृष्ण मेनन मार्ग से लेकर भाजपा मुख्यालय और वहां से राष्ट्रीय स्मृति स्थल तक पूर्व पीएम की नातिन निहारिका ने खुद को संभाले रखा, लेकिन जब उनकी मां नमिता कौल ने वाजपेयी के शव मुखाग्नि दी तो वह अपने आंसू रोक न सकीं। अपने पिता के पास खड़ी निहारिका फफक पड़ीं।