जनजीवन ब्यूरो / इस्लामाबाद । पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दावा किया है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बातचीत की शुरुआत करने के लिए प्रधानमंत्री इमरान को चिट्ठी लिखी है। अपने पहले संबोधन में कुरैशी ने कश्मीर का राग छेड़ते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच पेचीदा मामले हैं। जिनपर बातचीत होनी चाहिए। उनका कहना है कि हमें बिना दखलअंदाजी बातचीत की जरुरत है। हमें समस्या का हल निकालना होगा। दोनों देशों के बीच फिर से वार्ता शुरू होनी चाहिए।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री के दावे को भारत ने खारिज करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमरान खान को पत्र भेजा है जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण पड़ोसी रिश्तों के लिए प्रतिबद्ध है। इससे पहले कुरैशी ने कहा, ‘भारत के साथ निरंतर और बिना दखलअंदाजी वाली बातचीत की जरुरत है। हम पड़ोसी हैं। लंबे समय से हमारे बीच विवाद चले आ रहे हैं, हम दोनों को ही अपनी परेशानियां मालूम हैं। लेकिन हमारे पास सिवाय बातचीत के कोई और विकल्प नहीं है। हम यहां कुर्सियां तोड़ने नहीं आए हैं।’
उन्होंने कहा, ‘भारत और पाकिस्तान को अपने सामने वास्तविकताओं को रखते हुए कदम आगे बढ़ाने चाहिए।’ उन्होंने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम इमरान खान को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने दोनों देशों के बीच बातचीत की शुरुआत का संकेत दिया है।
शाह मोहम्मद ने कहा, ‘हमारे मसले जटिल हैं और हमें इन्हें सुलझाने में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा लेकिन हमें बातचीत करनी होगी। हमें यह स्वीकार करना होगा कि हम परेशानियों झेल रहे हैं। हमें यह मानना होगा कि कश्मीर एक सच्चाई है। इस्लामाबाद में जो घोषणा हुई थी वह अब इतिहास का एक हिस्सा है।’
कुरैशी का कहना है कि हम केवल पड़ोसी नहीं बल्कि परमाणु शक्तियां हैं। हमारे पास मौजूद बहुत से संसाधन समान हैं। हमें मालूम है किस मसले कठिन हैं जिन्हें एक रात में सुलझाया नहीं जा सकता लेकिन हमें बातचीत करनी होगी। कश्मीर ऐसा मामला है जिसे दोनों देश मानते हैं। हमारी सोच और दृष्टिकोण अलह है लेकिन मैं यह देखना चाहता हूं कि हमारे व्यवहार में क्या बदलाव आता है।