जनजीवन ब्यूरो / कोलकाता : पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने राफेल डील की जांच की मांग करते हुए कहा कि इस पर बड़े पैमाने पर बहस की जरूरत है। उन्होंने पत्रकारो से कहा कि इस गंभीर मुद्दे पर पब्लिक डिबेट की जरूरत है और इसकी विस्तृत जांच होनी चाहिए। यही वजह है कि कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी इसे प्रमुखता से उठा रही है। चिदंबरम ने आगे कहा कि सरकार को इसका जवाब देना चाहिए कि राफेल सौदे में रक्षा खरीद प्रक्रिया को क्यों नजरअंदाज किया गया।
कांग्रेस ने अपने सभी नेताओं से कहा है कि वे मोदी सरकार में हुए ‘राफेल डील घोटाले’ के बारे में लोगों को बताएं। पार्टी ने इस मुद्दे पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करने का भी फैसला किया है। कल ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लंदन में कहा था कि राफेल डील में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एलएसई) में नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड एल्युमनाई यूनियन (ब्रिटेन) के साथ बातचीत में गांधी ने कहा कि राफेल डील में रक्षा क्षेत्र का देश का सबसे बड़ा ठेका अनिल अंबानी को दे दिया गया, जिन पर 45 हजार करोड़ रुपये का कर्ज था और जिन्होंने कभी कोई विमान नहीं बनाया।
सरकारी कंपनी एचएएल को मिग, सुखोई, जगुआर जैसे लड़ाकू विमान बनाने का अनुभव है। हम 520 करोड़ प्रति जहाज की कीमत दे रहे थे लेकिन मोदी जी ने प्रति जहाज को 520 करोड़ को 1600 करोड़ कर दिया। कॉन्ट्रेक्ट एचएएल की जगह 4500 करोड़ के कर्ज में डूबे अनिल अंबानी को मिल गया जिनको विमान बनाने का कोई अनुभव नहीं था।