जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । 2019 के चुनाव से पहले केंद्र की नरेद्र मोदी सरकार ओबीसी वर्ग को खुश करने के लिए पहले पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया और अब अलग से आंकड़े जुटाने की कवायद में है। ओबीसी के आंकड़े जुटाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने कवायद शुरु कर दी है। माना जा रहा है कि 2021 की जनगणना में अलग से ओबीसी की गणना की जा सकती है। अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी के आंकड़े जारी करने की मांग लंबे से पिछड़े वर्ग के नेता कर रहे हैं।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को सेंसस कमिश्नर और ऑफिस ऑफ रजिस्ट्रार जनरल के काम की समीक्षा की। इस दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू, होम सेक्रटरी राजीव गाबा और मंत्रालय के अन्य सीनियर अधिकारी भी मौजूद थे।
जनसंख्या के आंकड़ों को पूरी तरह जारी करने का समय भी 5 साल से कम करके 3 साल कर दिया है। यानी 2021 की जनगणना के पूरे आंकड़े 2024 में सामने आ जाएंगे।
लालू प्रसाद यादव समेत तमाम ओबीसी नेता इस तरह की मांग लंबे समय से करते रहे हैं। आबादी के अनुसार आरक्षण की मांग की जाती रही है। ऐसे में इस कदम से इस मांग को एक बार फिर से बल मिल सकता है।