जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : माओवादियों से कथित साठगांठ को लेकर हाउस एरेस्ट सुधा भारद्वाज ने महाराष्ट्र पुलिस के ‘सबूतों’ व दस्तावेजों को पूरी तरह ‘मनगढंत’ करार देते हुए कहा कि इसका मकसद उन्हें और अन्य एक्टिविस्ट्स को अपराधी ठहराना है।
भारद्वाज फिलहाल फरीदाबाद में अपने घर में नजरबंद हैं। भारद्वाज ने दावा किया कि पुलिस जिस पत्र के बारे में कह रही है कि इसे उन्होंने किसी ‘कामरेड प्रकाश’ को लिखा है, वह ‘मनगढ़ंत व निराधार तथ्यों’ पर आधारित है।
महाराष्ट्र पुलिस के शुक्रवार के प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया था कि हिरासत में लिए गए लोगों में से कुछ विदेशी संगठनों के संपर्क में थे। जिसके पक्के सबूत उनके पास हैं।
महाराष्ट्र पुलिस के एडीजी परमबीर सिंह ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इन लोगों की गिरफ्तारी में सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि माओवादियों से इनके तार जुड़े होने के संबंध में साक्ष्य मिलने के बाद ही उनकी गिरफ्तारी की गई।
पुलिस ने आरोप लगाया कि हिरासत में लिए गए एक्टिविस्ट कानूनी तरीके से चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने में जुटे थे। बरामद कागजातों के आधार पर पुलिस ने दावा किया कि माओवादी किसी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे, जिसमें एक्टिविस्ट्स उनकी मदद कर रहे थे।
पुलिस ने कुछ पत्र भी सार्वजनिक किए और इस आधार पर माओवादियों के साथ एक्टिविस्ट्स के ताल्लुकात स्थापित करने की कोशिश की। पुलिस के अनुसार, एक पत्र में ‘मोदी राज को खत्म करने’ के लिए हथियारों की खरीद का जिक्र है तो एक अन्य पत्र में ‘राजीव गांधी जैसी’ घटना का उल्लेख है।