जनजीवन ब्यूरो /चेन्नई । विधानसभा चुनाव के बाद कर्नाटक में कांग्रेस ने भाजपा को हराकर आगै निकल गई है। हालांकि कांग्रेस, भाजपा और जनता दल सेक्युलर(एस) के बीच कड़ी टक्कर रही लेकिन कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है। अभी तक 2664 सीटों में से अब तक 2662 के नतीजों का एलान हुआ है। कांग्रेस को 982, भाजपा को 929, जेडीएस को 375 सीटों पर जीत मिली। 329 सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गईं।
चन्नापटना की सभी 2 सीटों पर जेडीएस को जीत मिली है।
निकाय चुनाव के लिए 31 अगस्त को वोट डाले गए थे। जिसमें तीनों ही दल अलग-अलग मैदान में उतरे थे। इन चुनावों को 2019 के लोकसभा चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है जो पार्टी इन चुनावों में जीत हासिल करेगी वही अगले साल लोकसभा चुनाव में जीतेगी।
निकाय चुनाव पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘कांग्रेस पीछे नहीं है। वहं कड़ी टक्कर है और यदि आप सेक्युलर वोटों को मिला दें तो वह सबसे ज्यादा हैं। यह चुनाव छोटे मुद्दों और स्थानीय उम्मीदवार पर आधारित हैं। इन नतीजों की ज्यादा प्राथमिकता नहीं है।’
इस समय 29 से ज्यादा नगरपालिकाओं में फैले 2,592 वार्डों, 53 कस्बों की नगर पालिकाओं, 23 नगर पंचायतों और तीन नगर निगमों के 135 वार्डों में हुए चुनाव के मतों की गणना कड़ी सुरक्षा के बीच चल रही है। इन सीटों पर 8,340 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होना है। शहरी निकाय चुनावों में कांग्रेस के 2,306, भाजपा के 2,203 और जेडीएस के 1,397 उम्मीदवार मैदान में हैं।
इसके अलावा 814 शहर निगमों में कांग्रेस के 135, भाजपा के 130 और जेडीएस से 129 उम्मीदवार मैदान में हैं। सोमवार रात या मंगलवार सुबह तक अधिकांश नतीजे आ जाएंगे। साल 2013 में 4976 सीटों पर चुनाव हुआ था जिसमें कांग्रेस को 1960, भाजपा और जेडीएस को 905-905 सीटें मिली थीं। वहीं निर्दलीय उम्मीदवारों को 1206 सीटें मिली थीं।
कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि गठबंधन सरकार की वजह से पार्टी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई। उन्होंने कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी बेहतर प्रदर्शन करेगी। येदियुरप्पा ने चुनाव से पहले 50 से 60 फीसदी सीटों पर बीजेपी की जीत का दावा किया था