जनजीवन ब्यूरो / चेन्नै । तमिलनाडु के चर्चित गुटखा घोटाले में बुधवार को सीबीआई ने बड़े पैमाने पर छापेमारी की है। जांच एजेंसी ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और डीजीपी के घर पर भी तलाशी अभियान चलाया है। बताया जा रहा है कि कुल 40 ठिकानों पर सीबीआई की टीम सर्च ऑपरेशन कर रही है।
चेन्नै में कुल 40 ठिकानों पर जांच एजेंसी ने छापे की कार्रवाई की है। छापेमारी के दौरान क्या बरामद हुआ है, इस बारे में जानकारी मिलने का अभी इंतजार है।
अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभास्कर और डीजीपी टीके राजेंद्रन के आवासों के साथ ही एक पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तथा अन्य के घरों पर तलाशी ली जा रही है। इस घोटाले का खुलासा आठ जुलाई, 2017 को उस समय हुआ था जब आयकर विभाग के अधिकारियों ने तमिलनाडु में पान मसाला और गुटखा उत्पादकों के गोदामों, कार्यालयों और आवासों पर छापे मारे थे। गुटखा उत्पादकों पर 250 करोड़ रुपये की आयकर चोरी के आरोप हैं।
तमिलनाडु सरकार ने 2013 में गुटखा और पान मसाला समेत चबाने वाले तंबाकू के विभिन्न प्रकारों के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर रोक लगा दी थी। छापेमारी के दौरान विभाग ने एक डायरी जब्त की थी जिसमें उन लोगों के नाम लिखे हुए थे जिन्हें गुटखा उत्पादकों ने कथित तौर पर रिश्वत दी थी।
द्रमुक के एक नेता की याचिका पर इस साल अप्रैल में मद्रास उच्च न्यायालय ने सीबीआई को यह मामला सौंप दिया था। एजेंसी ने मई में तमिलनाडु सरकार, केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग और खाद्य सुरक्षा विभाग के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
क्या है गुटखा घोटाला
यह घोटाला 8 जुलाई, 2017 में सामने आया था। जब तमिलनाडु के आयकर विभाग ने पान मसाला और गुटखा के कई उत्पादक केंद्रों पर छापा मारा था। इसके साथ ही निर्माण प्रक्रिया से जुड़े लोगों के घरों पर भी छापे मारे गए। यह छापे 250 करोड़ की कर चेरी को लेकर मारे गए। छापेमारी के दौरान अधिकारियों को एक डायरी मिली जिसमें स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभास्कर और बाकी लोगों का नाम लिखा था। साथ ही निर्माताओं से रिश्वत लेने में उनकी भागीदारी बताई गई।
जानकारी के लिए बता दें कि 2013 से तमिलनाडु में कैंसरजन्य (कैंसर के कारण) तंबाकू के चबाने वाले उत्पादों का निर्माण, भंडारण और बिक्री, गुट्टा और पैन मसाला सहित सभी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इतना कुछ होने के बाद भी इनकी बिक्री हो रही थी। इसके लिए विपक्षी पार्टियों ने एआईएडीएमके पर भी आरोप लगाए हैं। वहीं इस घोटाला मामले में इसी साल अप्रैल में मद्रास हाई कोर्ट ने सीबीआई को जांच के आदेश दिए थे। यह आदेश डीएमके के विधायक जे अनबजागन द्वारा दायर की गई याचिका के बाद दिए गए। उन्होंने अपनी याचिका में घोटाले में सीबीआई जांच की मांग की थी।