जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीडीएस डिग्रीधारियों को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार दे दिया है। अबतक सिर्फ एमबीबीएस डिग्रीधारियों को ही यह अधिकार था। माना जा रहा है कि सरकार का यह कदम लोगों की परेशानियों को तो दूर करेगा ही साथ ही एमबीबीएस के बर्चस्व को समाप्त करने में सहायक साबित होगा।
डेंटल काउंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. दिव्येंदु मजूमदार ने बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने डेंटिस्ट नियम 2014 में परिवर्तन कर दंत चिकित्सक को भी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार दे दिया है। इस बावत अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। डीसीआई के वरिष्ठ सदस्य डॉ.अनिल चांदना के अनुसार जिन मरीजों की मौत दंत चिकित्सा के दौरान होगी उनके ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार दंत चिकित्सक को होगा न कि आम मरीजो का । प्रत्येक दंत चिकित्सक को इस बावत प्रत्येक मरीज की जानकारी रखनी होगी और उसे मांगने पर उपलब्ध कराना होगा।
देश में जितनी मौतें सड़क दुर्घटना के कारण होती हैं उतनी मौतें बीमारियों के कारण नहीं होती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े के अनुसार देश में प्रत्येक साल लगभग दो लाख लोगों की जान विभिन्न दुर्घटनाओं में जाती है। बकौल डॉ. चादना ऐसी दुर्घटनाओं के शिकार लोगों की चिकित्सा बिना दंत चिकित्सकों के नहीं की जाती है क्योंकि पीड़ितों के मुंह, जबड़े, जीभ आदि जख्मी होते हैं।
देश में 305 डेंटल कालेज हैं और लगभग 93,332 दंत चिकित्सक हैं। एमबीबीएस डॉक्टरों की तुलना में डेंटिस्टों की भारी कमी है। प्रत्येक दस हजार की आबादी पर एक एमबीबीएस डॉक्टर देश में उपलब्ध हैं जबकि प्रत्येक दस हजार की आबादी पर मात्र एक डेंटिस्ट ही हैं। इस कमी का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है।