जनजीवन ब्यूरो / जयपुर : भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को चुन-चुन कर निकाल बाहर किया जायेगा. पार्टी कार्यकर्ताओं के शक्ति केंद्र सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘भाजपा का संकल्प है कि एक भी बांग्लादेशी घुसपैठिया भारत में रहने नहीं देंगे, चुन-चुन कर निकाल देंगे.’ असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के कार्यान्वयन का जिक्र करते हुए इसका विरोध करनेवालों पर निशाना साधा और कहा कि वोट बैंक की चिंता करनेवाले मानवाधिकार की बात करते हैं, उन्हें इस देश की और इस देश के गरीब की चिंता नहीं है.
पाक विस्थापित हिंदुओं के मुद्दे पर शाह ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिटीजन अमेंडमेंट बिल लेकर आये हैं जिसमें हमने तय किया है कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान व बांग्लादेश से आये सिख, हिंदू, बौद्ध व जैन घुसपैठिये नहीं, बल्कि शरणार्थी हैं और उनको यहां नागरिकता मिलेगी.
गौरतलब है कि भाजपा अध्यक्ष ने रविवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समापन पर कहा था कि मोदी सरकार भारत को घुसपैठियों के लिए सुरक्षित ठिकाना नहीं बनने देगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार ने देश में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्याओं की पहचान के प्रयास शुरू कर दिये हैं और उन्हें वापस भेजने के इंतजाम किये जायेंगे. पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने शाह के इस बयान को पारित किया जो असम और दूसरे राज्यों में अवैध प्रवासियों, पूर्वोत्तर राज्यों में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की कवायद के मुद्दे के बारे में है. उन्होंने कहा कि असम में एनआरसी की प्रक्रिया भारत की सुरक्षा और राज्य के आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक अधिकारों के संरक्षण के लिए जरूरी है. इस मुद्दे पर भाजपा को निशाना बनाने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि जब वे सत्ता में थे उन्होंने असम और दूसरे राज्यों में करोड़ो अवैध प्रवासियों को स्वीकार किया और वे इस समस्या की गंभीरता को समझते हैं.
उन्होंने कहा कि दुनिया का कोई भी देश घुसपैठियों को अपनी जमीन पर रहने की इजाजत नहीं देता, लेकिन वोट बैंक की सियासत के चलते विपक्षी दल असम और देश के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए उनके साथ खड़े होने का साहस नहीं दिखा पा रहे हैं. उन्होंने कहा, वे आज अवैध घुसपैठियों के साथ खड़े दिख रहे हैं. बयान में कहा गया कि भारतीय जनता पार्टी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्ववाली सरकार भारत को अवैध घुसपैठियों के लिए सुरक्षित ठिकाना नहीं बनने देगी.