जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली। नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ डिजाइन (एनआईडी) अब आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में स्थापित नहीं होगा। इसे अब प्रदेश की नई बन रही राजधानी अमरावती में स्थापित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने आज इस फैसले को अपनी मंजूरी दी। इसी के साथ कैबिनेट ने जोरहाट, भोपाल, कुरूक्षेत्र और अमरावती में बनने वाले एनआइडी को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा भी दे दिया।
वर्तमान में अहमदाबाद में एनआइडी है जिसकी देश के छात्रों के बीच काफी मांग है। कम सीटों की उपलब्धता के कारण अधिकांश छात्रों को इस महत्वपूर्ण विषय को पढ़ने का मौका नहीं मिल पाता है। रेल और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इन चार बनने वाले एनआईडी के बाद छात्रों को काफी राहत मिलेगी।
बता दें कि भारतीय डिजाइन छात्रों की बनाई कृतियों की विदेशों में बहुत मांग है। आने वाले समय में इन संस्थानों के तैयार हो जाने के बाद मांग के अनुरूप डिजाइन विधा के छात्र इन संस्थानों से निकलने लगेंगे।
100 प्रतिशत विद्युतीकरण होगा रेलवे ट्रैक
गोयल ने बताया कि कैबिनेट ने आज ही रेलवे के सौ प्रतिशत विद्युतीकरण करने की भी अनुमति प्रदान कर दी है। अभी तक देश में 48 प्रतिशत रेल ट्रैक विद्युतीकरण से युक्त है। वर्तमान में 20 हजार किमी पर और काम चल रहा है। इसके पूरा हो जाने के बाद देश के कुल रेलवे ट्रैक का 70 प्रतिशत विद्युत इजनों के चलने योग्य हो जाएगा। कैबिनेट ने शेष बचे हुए 13,675 किमी टैके विद्युतीकरण के लिए 12,134 करोड़ रुपए की अनुमति दे दी है।
गोयल ने बताया कि इस विद्युतीकरण के कारण रेलवे को 13—14 हजार करोड़ रुपए की बचत होने लगेगी। जीई के डीजल इंजन परियोजना के संबंध में उन्होंने बताया कि रेलवे को स्टैड बाय और बार्डर एरिया में रेल परिचालन के लिए डीजल इंजनों की जरूरत होती है, जीई के द्वारा तैयार इंजनों का प्रयोग वहां पर किया जाएगा। पुराने डीजल इंजनों को बहुत कम लागत से विद्युत इंजनों में परिवर्तित कर दिया जाएगा। प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद अब रेलवे एक—एक सेक्शन का क्रमवार विद्युतीकरण किया जाएगा।