जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दर्द निवारक सैरिडॉन के निर्माण और वितरण पर लगा प्रतिबंध को हटा दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद पिछले हफ्ते आए मानव उपयोग के लिए 328 निश्चित खुराक संयोजन दवाओं (एफडीसी) के निर्माण और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। जिसके बाद इन सभी दवाओं पर रोक लग गई थी।
भारत और विदेश के डॉक्टर और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भारत में बढ़ते एंटीबायोटिक के संयोजन उपयोग पर चिंता जताई थी। उनका कहना था कि इससे एंटीबायोटिक प्रतिरोध में योगदान हो सकता है। पूरी दुनिया की तुलना में सिंगल ड्रग की तुलना में ड्रग्स के कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल सबसे ज्यादा भारत में होता है। केंद्र ने दवाओं के वितरण और उत्पादन पर रोक लगाने की मंजूरी ड्रग एडवायजरी बोर्ड की सिफारिशों पर की थी।
इसके साथ ही मंत्रालय ने 6 अन्य कॉम्बीनेशन की दवाइयों के भी बनाने, बेचने और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया था। जानकारों की मानें तो इस प्रतिबंध के लागू होने के बाद फार्मा सेक्टर को करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका जताई गई थी। मंत्रालय का कहना है कि मरीजों के स्वास्थ्य से बड़ा नुकसान और कुछ नहीं हो सकता। इसमें पिरामल सैरिडॉन भी शामिल थी। इसके अलावा मेक्लिऑड्स फॉर्मा पैंडर्म प्लस क्रीम और अल्कीम लैबोरेटरी टैक्सिम एजे पर भी रोक लगाई गई थी।