जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । कैबिनेट ने तीन तलाक के मामले पर एक फिर केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाया है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस नेता सोनिया गाधी पर आरोप लगाया कि वह इस मामले पर सहयोग नहीं कर रही हैं।‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक’ को लोकसभा की मंजूरी मिल चुकी है लेकिन यह राज्यसभा में लंबित है। वहां पर सरकार के पास पर्याप्त संख्या बल नहीं है।
रविशंकर ने सोनिया गांधी मायावती और पब को सीएम ममता से इस मामले में देशहित में सहयोग मांगा
उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा मामले यूपी से आ रहे हैं। आजादी के 70 साल बाद भी तलाक तलाक तलाक कह देने के बाद खबातीन सड़क पर आ जाती हैं। प्रसाद ने बताया कि पत्नी के हस्तक्षेप पर ही एफआइआर हो सकता है।
रविशंकर प्रसाद ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने तीन तलाक बिल को पास करवाने की बार-बार कोशिश की, लेकिन कांग्रेस ने वोटबैंक के चक्कर में इसे पास नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस मुद्दे पर वोटबैंक की राजनीति कर रही है।
बता दें कि संशोधित बिल में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को गैर जमानती अपराध माना गया है। संशोधन के मुताबिक, अब आरोपी को जमानत देने का अधिकार मजिस्ट्रेट के पास होगा। मामले के ट्रायल से पहले मजिस्ट्रेट पीड़िता का पक्ष सुनकर आरोपी को जमानत दे सकता है।
साथ ही मजिस्ट्रेट के पास ये भी अधिकार होगा कि वो पति-पत्नी के बीच समझौता कराकर शादी को बरकरार रख सके। इसके अलावा नए बिल के मुताबिक, पीड़िता और उसके परिजन एफआईआर दर्ज करा सकते हैं।
रविशंकर प्रसाद के आरोप के बाद कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार मुस्लिम महिलाओं के लिए तीन तलाक को न्याय का मुद्दा नहीं बना रही है, बल्कि इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश में लगी हुई है।