जनजीवन ब्यूरो / इस्लामाबाद । पाकिस्तान में सत्ता से बेदखल कर दिए गए पूर्व पीएम नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरियम नवाज और दामाद कैप्टन मोहम्मद सफदर के लिए बुधवार का दिन खुशखबरी लेकर आया है। इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने एवनफील्ड केस में तीनों को सुनाई गई सजा पर रोक लगा दी है। बता दें कि 6 जुलाई को अकाउंटिबिलिटी कोर्ट ने नवाज, मरियम और सफदर को क्रमशः 10, 7 और 1 साल की सजा सुनाई थी। इन तीनों की सजा रोके जाने के बाद इन्हें रिहा करने की तैयारी चल रही है।
इस्लामाबाद हाईकोर्ट की बेंच में शामिल जस्टिस अतहर मिनाल्लाह और जस्टिस हसन औरंगजेब ने अपने फैसले में नवाज शरीफ की सजा को रद्द करने का आदेश दिया। इससे पहले कोर्ट ने जिरह के बाद इस मसले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएमएल-एन चीफ के परिवार और कैप्टन सफदर ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ इस्लामाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। अकाउंटिबिलिटी कोर्ट के फैसले के वक्त नवाज लंदन में थे और वहां उनकी पत्नी कुलसुम नवाज का इलाज चल रहा था। नवाज और उनकी बेटी कोर्ट के आदेश के बाद स्वदेश लौटे थे जहां लाहौर में दोनों को गिरफ्तार कर अदियाला जेल भेज दिया गया था। हालांकि, उनकी मुश्किलें यहीं नहीं रुकीं और 11 सितंबर को कुलसुम का लंदन में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। नवाज और मरियम को परोल पर रिहा किए जाने के बाद दोबारा अदिलाया जेल भेज दिया गया था।
इससे पहले उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद पिछले साल 68 वर्षीय शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के तीन मामले दर्ज किए गए थे। शरीफ भ्रष्टाचार के बाकी मामलों – अल अजीजियां स्टील मिल्स और हिल मेटल इस्टैबलिशमेंट मामलों में सुनवाई के लिए इस्लामाबाद आधारित उच्च न्यायालय में पेश हुए थे।
शरीफ, उनकी 44 वर्षीय बेटी मरियम, और 54 वर्षीय दामाद कैप्टन (रिटायर्ड) मोहम्मद सफदर अडियाला जेल में क्रमश: 10 साल, 7 साल और 1 साल की कैद की सजा काट रहे थे। उन्हें लंदन में अवैध तरीके से चार लग्जरी फ्लैट खरीदने के मामले में जवाबदेही अदालत ने दोषी ठहराया था।