जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट में सीलिंग के मामले में भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और लोकसभा सांसद को उनके उस बयान पर फटकार लगाई, जिसमें उन्होंने कहा था कि एक हजार जगहें ऐसी हैं, जो सील होनी चाहिए। सख्त टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप सुबह तक हमें 1000 संपत्तियों की एक लिस्ट दें, हम आपको सीलिंग अधिकारी ही बना देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के गोकुलपुर में एक गांव की सीलिंग तोड़ने के मामले में तिवारी से एक हफ्ते में जवाब मांगा है।
इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट 8 अक्टूबर को सुनवाई करेगा। सुनवाई के वक्त सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी के सीलिंग मुद्दे पर किए गए बर्ताव पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि तिवारी को ऐसा नहीं करना चाहिए था।
सुप्रीम कोर्ट ने तिवारी को अगले हफ्ते पेश होने के लिए कहा है। सुनवाई के वक्त सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी को उनके उस बयान पर फटकार लगाई, जिसमें उन्होंने कहा था कि एक हजार जगहें ऐसी हैं, जो सील होनी चाहिए। सख्त टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप सुबह तक हमें 1000 संपत्तियों की एक लिस्ट दें, हम आपको सीलिंग अधिकारी ही बना देंगे। वहीं तिवारी के वकील ने कोर्ट से कहा कि ये लिस्ट ना मांगी जाए ये सांसद हैं। उन्होंने कहा कि मॉनीटरिंग कमेटी मनमानी कर रही है। इस पर कोर्ट ने पूरा ब्यूरा मांगा है।
दिल्ली में सीलिंग के मुद्दे पर प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी अकेले पड़ गए हैं। पूर्वांचल रैली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की चुप्पी के बाद इस बात को बल मिला कि केंद्र सरकार सीलिंग के मामले में सर्वोच्च न्यायालय की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती।
अदालत डेयरी की सील तोड़ने पर क्या रुख अपनाती है, उसी पर भाजपा की आगामी रणनीति तय होगी। दिल्ली में वर्तमान में सीलिंग एक बड़ा मुद्दा है। कांग्रेस के इस मुद्दे पर बाजी मारने पर भाजपा में चिंता व्याप्त थी।