जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । देश की सबसे बड़ी और पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस आर्थिक तंगी का सामना कर रही है । जिसके कारण संघठनात्मक चुनाव को कांग्रेस ने टाल दिया है। पार्टी ने अपने सभी कार्यकर्ताओं से कहा है कि वह हर साल 250 रुपए पार्टी को सहायता के रूप में दें। इस चंदे से कांग्रेस अपनी खस्ता होती जा रही आर्थिक हालत को सुधारने की कोशिश करेगी।
फिलहाल, कांग्रेस में 11 लाख के करीब एक्टिव वर्कर्स हैं । पार्टी को उम्मीद है कि इनसे 11 करोड़ रुपए इकट्ठा हो जाएंगे। वोरा ने कहा कि यह 11 करोड़ का यह अमाउंट किसी भी गैर चुनावी साल में पार्टी को संचालित करने के लिए काफी है।
एआईसीसी के कोषाध्यक्ष मोती लाल वोरा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कार्यकर्ताओं द्वारा मिले पैसों का 25 फीसदी प्रदेश कांग्रेस कमेटियों को दिया जाएगा, वहीं 75 फीसदी एआईसीसी के पास रहेगा।
वोरा ने इस बात की ओर भी इशारा किया कि सदस्यता लेने वाले लोगों के लिए भी फीस का यह फॉर्मूला लागू किया जा सकता है। पार्टी के संगठनात्मक चुनाव पिछले महीने ही होने थे, लेकिन इन्हें भी फिलहाल टाल दिया गया है। फिलहाल, पार्टी के हर सांसद और विधायक को अपनी एक महीने की सैलरी देनी होगी। वहीं, एआईसीसी के हर मेंबर को 600 रुपए हर साल देने होंगे। पीसीसी मेंबर के लिए यह फीस 300 रुपए तय की गई है। यह नया रूल कांग्रेस की सभी स्टेट यूनिट्स के लिए है।
बता दें कि 12 साल पहले भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी मनमोहन सिंह की अगुआई में एक कमेटी बनाई थी, तब केंद्र में पार्टी विपक्ष में थी।