अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली ।
यूपी गेट पर भारतीय किसान यूनियन से सुबह हुए टकराव के बाद पुलिस ने लाठी चार्ज कर स्थिति को नियंत्रित कर लिया था। पुलिस ने दोबारा यूपी गेट पर बैरिकेडिंग कर दी है। वहीं किसान फिर से बैरिकेड की तरफ बढ़ रहे हैं। ऐसे में यूपी गेट पर दोबारा पुलिस और किसानों के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है।
किसान अब भी रैली लेकर राजघाट जाने पर अड़े हुए हैं। उधर रालोद नेता अजीत सिंह भी किसानों को समर्थन देने यूपी गेट पहुंच गए हैं। वहीं, मोदीनगर-मुरादनगर क्षेत्र से बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर ट्रॉली के जरिये यूपी बॉर्डर के लिए रवाना होने लगे हैं, जबकि पूर्व विधायक सुदेश शर्मा के यूपी बॉर्डर पहुंचने से पहले ही साहिबाबाद में पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
मंत्री पर फेंका जूता
किसानों का विरोध बढ़ता जा रहा है। किसानों से बातचीत करने और सरकार की ओर से आश्वासन देने पहुंचे केंद्रीय मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी पर गुस्साए किसानों ने जूता फेंका। इस घटना में केंद्रीय मंत्री बाल-बाल बच गए। मंत्री नेे किसानों की कुछ मांगो को पूरा करने का आश्वासन दिया। इसी दौरान लौटते समय मंत्री को किसानों का भारी विरोध झेलना पड़ा।
सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी, उत्तर प्रदेश के मंत्री सुरेश राणा और कृषि सचिव संजय अग्रवाल किसानों से मिलने पहुंचे थे। किसानों ने हाथ हिलाते हुए सरकार के आश्वासनों को नकार दिया। इस दौरान किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
घायल किसान अस्पताल में भर्ती
सुबह हुए लाठीचार्ज में करीब 30 किसान घायल हो गए थे। इन्हें इलाज के लिए गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। अस्पताल में घायल किसानों का प्राथमिक इलाज चल रहा है। वहीं संघर्ष में गांव कसेरू चंडौस निवासी 65 वर्षीय राधे सिंह के सीने पर रवर बुलेट लगी थी। रबर बुलेट लगने से वह बेहोश हो गए थे। अस्पताल में डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए प्रदर्शनकारी किसानों पर पुलिस की तरफ से आंसू गैस के गोले छोड़ने के साथ ही पानी की बौछारें और हवाई फायरिंग की गई और प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली-यूपी सीमा के पास से तितर-बितर कर दिया गया। भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले अपनी 15 सूत्री मांगों को सरकार से मनवाने के लिए हरिद्वार से नौ दिन पहले चले किसान मंगलवार की सुबह से राजधानी दिल्ली घुसने के लिए अमादा है।
वे दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर करीब 50 हजार की संख्या में डटे हुए थे। उधर, दूसरी तरफ इन किसानों को रोकने के लिए भारी संख्या में दिल्ली से लगती सीमा के पास पुलिसबल को तैनात किया गया। साथ ही, कई जगहों पर धारा 144 भी लगाई गई।
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किसानों से मिले अजित सिंह, केंद्रीय मंत्री शेखावत ने किया ऐलान- बनेगी कमेटी
बीकेयू और गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बीच चल रही बैठक खत्म हो चुकी है। इस बीच अजित सिंह भी किसानों से मिलने पहुंच गए हैं। बैठक में किसानों की 7 मांगों पर सहमति बनी है। सुरेश राणा ने राजनाथ सिंह के घर के बाहर हो रही बैठक खत्म होने के बाद ऐलान किया कि किसानों और सरकार के बीच 7 मुद्दों पर सहमति बनी है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत किसान संघ के नेताओं के साथ गाजीपुर सीमा पर बैठे किसानों से मिले और जिन मुद्दों पर बैठक में सहमति बनी थी उनका ऐलान भी किया।
शेखावत ने ये भी कहा कि किसानों की मांग पूरी करने के लिए एक कमेटी भी बनेगी।
-उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल के सामने मांग रखेंगे।
-अब किसान पुराना ट्रैक्टर चला पाएंगे।
-किसानों की खरीद तीन महीने चले।
-खेती को नरेगा से जोड़ा जाएगा।
किसान संघ और गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बीच चल रही बैठक खत्म हो चुकी है। इस बैठक में किसानों की 7 मांगों पर सहमति बनी है। सुरेश राणा ने राजनाथ सिंह के घर के बाहर हो रही बैठक खत्म होने के बाद ऐलान किया कि किसानों और सरकार के बीच 7 मुद्दों पर सहमति बनी है। अब मंत्री किसान संघ के नेताओं के साथ दिल्ली सीमा पर बैठे किसानों से मिलने जा रहे हैं।
इससे पहले किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए यूपी से दिल्ली में प्रवेश करने के सभी रास्तों को बंद किया हुआ है, इसके बावजूद हजारों किसान बैरिकेडिंग तोड़कर दिल्ली में घुस गए हैं। हालांकि पुलिस इन्हें रोकने के लिए पानी की बौछारों और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल कर रही है। इस दौरान दर्जनभर किसान घायल हो गए। इधर राजनाथ सिंह के घर किसानों के साथ बैठक चल रही है। इससे पहले उन्होंने नरेश टिकैट से फोन पर बात की और उनसे शान्ति बनाएं रखने की अपील की थी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जब एक पत्रकार ने किसानों की पदयात्रा के बारे में पूछा तो वो बोले कि आखिर क्यों किसानों को दिल्ली में नहीं घुसने दिया जा रहा? उन्हें दिल्ली में घुसने दिया जाना चाहिए। यह गलत बात है। हम किसानों के साथ हैं।
वहीं कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला भी किसानों के पक्ष में उतर आए हैं। उन्होंने कहा, महात्मा गांधी की जयंती पर मोदी सरकार ने दिखा दिया है कि ये सरकार आजादी से पहले वाली ब्रिटिश सरकार से किसी मामले में कम नहीं है। उस वक्त अंग्रेज सरकार किसानों का उत्पीड़न करती थी वहीं आज मोदी सरकार किसानों पर आंसू गैस के गोले दाग रही है।
किसानों को आरएलडी के अध्यक्ष अजित सिंह का समर्थन मिला है। आरएलडी प्रमुख किसानों से मुलाकात करने के लिए अपने घर से यूपी गेट के लिए निकल चुके हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किसानों के प्रदर्शन को बिल्कुल जायज करार दिया है। अखिलेश ने कहा कि किसानों के साथ किए गए वादों को पूरा नहीं किया गया। ऐसे में यह नेचुरल बात है कि किसान प्रदर्शन करेंगे।
गौरतलब है कि किसानों ने शर्त रखी है कि सरकार के प्रतिनिधि केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह बात करने के लिए मंगलवार को किसान घाट आएं। उन्होंने दिल्ली में घुसने पर रोक और धारा 144 हटाने की भी शर्त रखी। लखनऊ से हेलिकॉप्टर के द्वारा 2 आईएएस किसानों से मिलने के लिए रवाना हो चुके हैं। वे हेलिकॉप्टर से गाजियाबाद आ रहे हैं। इस दौरान ये भी सूचना मिल रही है कि किसानों की मुलाकात दोपहर 12 बजे गृहमंत्री से भी होगी।
इस समय किसान साहिबाबाद से होकर वैशाली के रास्ते कौशाम्बी से आनंद बिहार जाने वाले रास्ते से आगे बढ़ रहे हैं। किसानों के साथ महिला किसानों ने भी अपनी कमर कस ली है। वहीं पुलिस अधिकारियों का कहना है कि किसानों को यूपी गेट से आगे नहीं जाने दिया जाएगा। मौके पर आरएएफ और भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। बार्डर को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। किसानों को गिरफ्तार करने के लिए बसों का भी इंतजाम किया गया है।
भाकियू नेता नरेश टिकैत ने कहा कि हमें यहां क्यों रोक दिया गया है? रैली एक अनुशासित तरीके से आगे बढ़ रही थी। अगर हम सरकार को अपनी समस्याओं के बारे में नहीं कहेंगे तो किससे कहेंगे? क्या हम पाकिस्तान या बांग्लादेश से कहेंगे?
पूर्वी दिल्ली में धारा 144 लागू, मेरठ एक्सप्रेसवे पर जाने से बचें
बता दें कि करीब 50 हजार किसान गाजियाबाद के हिंडन घाट पर डेरा डाले हुए हैं। भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधि की सोमवार देर शाम केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात होनी थी, लेकिन नहीं हुई। इसके बाद गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर केंद्र के प्रतिनिधि के तौर पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कराई गई, लेकिन एक घंटे तक चली बातचीत बेनतीजा रही।। देर रात 12.30 बजे प्रतिनिधिमंडल वार्ता के लिए केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के आवास पर पहुंचा, रात 2 बजे तक वहां भी कोई सहमति नहीं बनी।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, रुड़की और हरिद्वार जाने वाले लोगों से मेरठ एक्सप्रेसवे, गाजीपुर बार्डर न जाने की अपील की है। लोग गाजीपुर चौक, रोड नंबर-56, आनंद विहार, अप्सरा बार्डर, जीटी रोड, मोहन नगर होकर गाजियाबाद जा सकते हैं। यात्रा में कई राज्यों के किसान शामिल हैं। इनकी स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू करने, आत्महत्या करने वाले किसानों के परिजनों का पुनर्वास समेत कई मांगें हैं।
हरिद्वार से दिल्ली के किसान घाट आ रही किसान क्रांति पदयात्रा को देखते हुए पूर्वी दिल्ली व उत्तर-पूर्वी दिल्ली में धारा 144 लागू कर दी गई है।
एक जगह पर पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा व यूपी से दिल्ली आने वाले बॉर्डरों को सील कर दिया गया है। पदयात्रा में आने वाले किसानों पर नजर रखने के लिए बॉर्डरों पर भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। सादी वर्दी में भी पुलिसकर्मी नजर रखे हुए हैं। दिल्ली पुलिस ने किसान क्रांति पदयात्रा को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी है।
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के अध्यक्ष राकेश टिकैत हरिद्वार से किसान घाट तक किसान क्रांति पदयात्रा आयोजित कर रहे हैं। उन्होंने गाजियाबाद, प्रीत विहार, गीता कॉलोनी फ्लाईओवर होते हुए दो अक्टूबर को दिल्ली में प्रवेश करने की घोषणा की है। भारी संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली व अन्य वाहनों से दिल्ली की तरफ आ रहे हैं। भारी संख्या में किसानों के दिल्ली आने से कानून एवं व्यवस्था की हालत खराब होने के साथ ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा सकती है। इसे देखते हुए पूर्वी जिला व उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सोमवार शाम धारा 144 लागू कर दी गई। एक जगह पर पांच या उससे अधिक लोगों के मुख्य रोड व चौराहों पर एकत्रित होने पर प्रतिबंध रहेगा।
किसी भी तरह की पंचायत, धरने और आम लोगों के जीवन को खतरे में डालने वाली गतिविधि पर प्रतिबंध रहेगा। हथियार (लाइसेंस वाले हथियार), तलवार, चाकू, लाठी-डंडा आदि रखने पर भी प्रतिबंध रहेगा। ट्रैक्टर-ट्रॉली व खेती से संबंधित उपकरणों के दिल्ली में लाने पर प्रतिबंध रहेगा। दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार बॉर्डरों को सील कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस को ये भी सूचना मिली है कि हरियाणा से भी काफी किसान पदयात्रा में शामिल होने के लिए दिल्ली आ सकते हैं। इसे देखते हुए दिल्ली व हरियाणा बॉर्डरों को भी सील कर दिया गया है।