जनजीवन ब्यूरो / लखनऊ : 2019 के आम चुनावों से पहले विपक्षी एकता और यूपी में महागठबंधन की कवायद ढेर हो गई है। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने कहा कि गठबंधन न होने के लिए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह जिम्मेदार है। हालांकि सोनिया गांधी और राहुल गठबंधन चाहते थे। राजस्थान और मध्य प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस को तगड़ा झटका दिया है। मायावती ने साफ शब्दों में ऐलान कर दिया है कि इन जगहों पर कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा। बीएसपी सुप्रीमो ने कांग्रेस पर उनकी पार्टी को खत्म करने की साजिश का भी आरोप लगाया है।
मायावती ने दिग्विजय को भाजपा का एजेंट बताते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व सोनिया गांधी बसपा से गठबंधन के पक्ष में हैं लेकिन पार्टी के वरिष्ठ व स्वार्थी नेता ऐसा नहीं चाहते। दरअसल, दिग्विजय सिंह ने बयान दिया था कि बसपा मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस से इसलिए गठबंधन नहीं करना चाहती क्योंकि मायावती सीबीआई से डरती है। जिसका जवाब आज मायावती ने दिया।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद लंबे समय तक देश में कांग्रेस की सरकार रही लेकिन इसने दलितों, आदिवासियों व अल्पसंख्यकों के लिए कुछ नहीं किया। यहां तक कि केंद्र की सत्ता में रहने पर बसपा को कमजोर करने के लिए मुझे ताज कॉरिडोर मामले में भी फंसाया लेकिन बसपा किसी के हाथों का खिलौना नहीं बनना चाहती। मायावती ने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस, भाजपा के कारण अल्पसंख्यकों को टिकट देने में कटौती कर सकती है पर बसपा ऐसा नहीं करेगी।
मायावती ने कहा कि कांग्रेस अहंकार नहीं छोड़ना चाहती। उन्हें लगता है कि वो अकेले ही भाजपा को हरा देगी, लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि जनता ने कांग्रेस को नकार दिया है। कांग्रेस अपनी गलतियों को सुधारना नहीं चाहती।
मायावती ने कहा है कांग्रेस पार्टी बीजेपी को केंद्र की सत्ता से हटाने के लिए गंभीर नहीं है और वह बहुजन समाज पार्टी को खत्म करना चाहती है। बीएसपी सुप्रीमो ने यह भी कहा कि बहुजन समाज पार्टी आगामी समय में होने वाले विधानसभा चुनाव में अकेले ही उम्मीदवारी करेगी और कांग्रेस से अब कभी गठबंधन नहीं किया जाएगा। मायावती ने पलटवार करते हुए कहा है कि दिग्विजय सिंह बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं। मायावती ने कहा कि कांग्रेस में राहुल गांधी और सोनिया गांधी बीएसपी से गठबंधन के लिए गंभीर हैं, लेकिन पार्टी के अन्य नेता ऐसा नहीं होने देना चाहते।
मायावती ने जोगी की पार्टी से किया था गठबंधन
दरअसल, मध्य प्रदेश के चुनाव में मायावती ने बीते दिनों अजीत जोगी की पार्टी के साथ गठबंधन करने की घोषणा की थी। मायावती के इस फैसले के बाद राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन को झटका लगा था, जिसके बाद से ही पार्टी नेताओं ने मायावती की आलोचना शुरू की थी। इसी क्रम में बुधवार को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि मायावती ने बीजेपी के कहने पर सीबीआई के डर से जोगी के साथ गठबंधन किया है। सिंह के इस बयान के कुछ देर बाद दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मायावती ने कहा कि दिग्विजय सिंह ने उनपर जो आरोप लगाए हैं, वह निराधार है और दिग्विजय सिंह संघ के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं।
‘बीजेपी और कांग्रेस की मोहताज नहीं है बीएसपी’
मायावती ने कहा कि बीजेपी की ही तरह कांग्रेस की भी मंशा है कि किसी तरह बहुजन समाज पार्टी को खत्म कर दिया जाए, लेकिन हमारी पार्टी कांग्रेस और बीजेपी की मोहताज नहीं है। माया ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी में बहुत घमंड है और सत्ता से जाने के बाद भी उसका अहंकार खत्म नहीं हुआ है। माया ने कहा कि बीएसपी के समर्थन से सरकार में होने के बावजूद कांग्रेस ने कांशीराम जी की पुण्यतिथि पर अवकाश देने की हमारी मांग को नहीं माना था और इन्हीं नीतियों के कारण जनता अब कांग्रेस को माफ करने के मूड में नहीं है। बता दें कि हाल ही में मायावती के अजीत जोगी से गठबंधन करने के बाद कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने कहा था कि मायावती का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है और यह पूरी डील बीजेपी के इशारे पर हुई है।