जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली: मंगलवार के हिंसक किसान आंदोलन के बाद केंद्र की मोदी सरकार बैकफुट पर आ गई है। नरेंद्र मोदी सरकार ने रबी फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने का बड़ा फैसला किया है। आज हुई कैबिनेट की बैठक में रबी फसलों के लिए नए समर्थन मूल्य पर मुहर लगा दी गई है। मोदी सरकार ने गेंहू और पांच अन्य रबी फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने का फ़ैसला किया है। बजट में मोदी सरकार ने किसानों को उनकी लागत का कम से कम डेढ़ गुना कीमत देने का वादा किया था। इसी वादे को पूरा करते हुए इस साल जुलाई में धान समेत सभी ख़रीफ़ फ़सलों के एमएसपी में बड़ी बढ़ोत्तरी की गई थी।
अगले साल अप्रैल-मई में होगी खरीद
नया समर्थन मूल्य इस साल नम्बर में बोई जाने वाली रबी फसलों के लिए लागू होगा। हालांकि, इन फसलों की खरीद अगले साल अप्रैल-मई में होगी। सरकार हर साल बुआई सीजन (नवम्बर) के पहले रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य का ऐलान करती है। मोदी सरकार को उम्मीद होगी कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के दौरान होने वाली इस ख़रीद में किसानों को लाभ होता है तो उसका चुनावी फायदा भी हो सकता है।
गेहूं का समर्थन मूल्य 105 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ेगा
एबीपी न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक़, गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 105 रुपए की बढ़ोत्तरी होगी। इसे 1735 रूपए प्रति क्विंटल के वर्तमान भाव से बढ़ाकर 1840 रुपए प्रति क्विंटल किया जाएगा। वहीं चने का समर्थन मूल्य 220 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाकर 4620 रुपया प्रति क्विंटल, मसूर का मूल्य 225 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ा कर 4475 रुपए प्रति होगा।
सरसों का मूल्य 200 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाकर 4200 रुपए प्रति क्विंटल और जौ का समर्थन मूल्य 30 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाकर 1440 रुपए प्रति क्विंटल करने का भी प्रस्ताव था। सूरजमुखी को 4100 रुपए प्रति क्विंटल के वर्तमान स्तर से बढ़ाकर 4945 रुपए प्रति क्विंटल करने का प्रस्ताव था। यानि 845 रूपए प्रति क्विंटल का इज़ाफ़ा।