जनजीवन ब्यूरो / नयी दिल्ली : भारत के 46वें प्रधान न्यायाधीश का पदभार ग्रहण करने के साथ ही न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने बुधवार को विभिन्न बेंचों के लिए मुकदमों के आवंटन का नया रोस्टर बनाने के साथ ही फैसला किया। इसके तहत जनहित याचिकाओं की सुनवाई वह खुद और दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर की अध्यक्षता वाली पीठ करेगी। राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण करने के बाद न्यायमूर्ति गोगोई उच्चतम न्यायालय पहुंचे और उन्होंने प्रधान न्यायाधीश के न्यायालय में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ के साथ मुकदमों की सुनवाई की।
नये प्रधान न्यायाधीश ने दिन की कार्यवाही वकीलों से यह कहते हुए शुरू की कि प्राथिमकता के आधार पर मामलों के अविलंब उल्लेख और सुनवाई के लिए ‘मानदंड’ तय किये जायेंगे। न्यायमूर्ति गोगोई ने भारत के 46वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में बुधवार को शपथ ली। उन्होंने कहा कि जब तक कुछ मानदंड तय नहीं कर लिये जाते, तब तक मामलों के अविलंब उल्लेख की अनुमति नहीं दी जायेगी। उन्होंने कहा कि हम मानदंड तय करेंगे, उसके बाद देखेंगे कि कैसे मामलों का उल्लेख किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अगर किसी को कल फांसी दी जा रही हो, तब हम (अत्यावश्यकता को) समझ सकते हैं।
इन मामलों की सुनवाई करेंगे सीजेआई गोगोई
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर तीन अक्टूबर से अगले आदेश तक के लिए प्रधान न्यायाधीश के आदेश से अधिसूचित नये मामलों के लिए रोस्टर में काम को दर्शाया गया है। प्रधान न्यायाधीश ने जनहित याचिकाओं और न्यायालय को मिले पत्रों के आधार पर याचिकाओं को अपने पास रखने का फैसला किया है। प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ सामाजिक न्याय, चुनाव, कंपनी कानून, एकाधिकार एवं प्रतिबंधात्मक व्यापार प्रथा, दूरसंचार नियामक प्राधिकरण, सेबी और भारतीय रिजर्व बैंक से संबंधित मामले भी सुनेगी। न्यायमूर्ति गोगोई ने पंचाट, बंदीप्रत्यक्षीकरण, आपराधिक मामले, अवमानना के मामले और सामान्य दीवानी मामले भी अपने पास रखे हैं। यही नहीं, उनकी पीठ सांविधानिक पदाधिकारियों की नियुक्ति, विधायी नियुक्तियां और दूसरे विधि अधिकारियों की नियुक्तियों से संबंधित मुद्दों पर भी विचार करेगी।
प्रधान न्यायाधीश ने जनहित याचिकाओं और पत्रों पर आधारित मामले न्यायमूर्ति लोकूर की अध्यक्षता वाली पीठ को भी सौंपे हैं। यह पीठ पहले से ही भूमि अधिग्रहण और सेवा संबंधी मामलों की सुनवाई कर रही है। न्यायमूर्ति लोकूर की पीठ पहले से ही सामाजिक न्याय से संबंधित मामलों की सुनवाई कर रही है और वह वन, पर्यावरण, वन्यजीव और पारिस्थितिकी से संबंधित मामलों पर पहले की तरह ही सुनवाई करती रहेगी।
जस्टिस जोसेफ के पास होगा श्रम, किराया, सेवा और।।।
शीर्ष अदालत में तीसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ श्रम, किराया, सेवा, कुटुंब और आपराधिक मामलों से संबंधित याचिकाओं की सुनवाई करेंगे। इसी तरह, न्यायमूर्ति एके सीकरी की पीठ न्यायालय की अवमानना से संबंधित मामलों के साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर तथा चुनाव से संबंधित याचिकाओं की भी सुनवाई करेगी।
सीजेआई समेत चार वरिष्ठतम जज होंगे कोलेजियम के सदस्य
प्रधान न्यायाधीश ने इसी तरह वरिष्ठता क्रम में पांचवें स्थान पर न्यायमूर्ति एसके बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध होने वाले मामलों को भी अधिसूचित किया है। नये प्रधान न्यायाधीश और चारों वरिष्ठतम न्यायाधीश अब कोलेजियम के सदस्य होंगे।