जनजीवन ब्यूरो / देहरादून । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर गैस सब्सिडी छोड़ने वाले उपभोक्ता फिर से सब्सिडी मांगना शुरू कर दिया है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि लोग गैस सिलिंडर के बढ़ते दामों से परेशान हैं।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पिछले एक महीने के दौरान लगभग 5000 उपभोक्ता गैस सब्सिडी वापसी के लिए गैस एजेंसियों में आवेदन कर चुके हैं और यह सिलसिला लगातार जारी है। गैस एजेंसी संचालकों के अनुसार हर दिन औसतन 150 ऐसे आवेदन मिल रहे हैं।
दरअसल, रसोई गैस की सब्सिडी सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खातों में भेजने की व्यवस्था करने के साथ ही प्रधानमंत्री ने आर्थिक रूप से संपन्न उपभोक्ताओं से राष्ट्रहित में सब्सिडी सरेंडर करने की अपील की थी।
ऐसे वापस मिलेगी सब्सिडी
सब्सिडी सरेंडर करने वाले उपभोक्ताओं को केंद्र सरकार ने बाकायदा प्रधानमंत्री के फोटो और हस्ताक्षर वाले प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया। लेकिन, पिछले कुछ महीनों से बढ़ती महंगाई के आगे उपभोक्ताओं का हौसला जवाब देने लगा है। छह माह पहले तक 558 रुपये में बिकने वाले गैस सिलिंडर की कीमत अब बढ़कर 894 रुपये पहुंच गई है।
गैस एजेंसियों के अनुसार सब्सिडी वापस लेने के इच्छुक उपभोक्ताओं को गैस एजेंसी में आवेदन करना होगा। इसके बाद गैस एजेंसी इस आवेदन को तेल कंपनी के पोर्टल पर अपलोड करेगी। अक्सर कंपनी एक दिन में ही अनुमति जारी कर देती है, लेकिन 15 दिन के भीतर उपभोक्ता को सब्सिडी के दायरे में शामिल कर दिया जाता है।
सब्सिडी 90 से बढ़कर 391 रुपये पहुंची
गैस सिलिंडर के दाम पिछले छह महीने में 336 रुपये तक बढ़ गए हैं। मार्च में रसोई गैस सिलिंडर 558 रुपये का मिलता था और उपभोक्ताओं को 90 रुपये की सब्सिडी मिलती थी।
अब जहां सिलिंडर 894 रुपये का हो गया है तो 391 रुपए सब्सिडी के रूप में मिल रहे हैं। ऐसे में देखा जाए तो सब्सिडी वाले उपभोक्ताओं के लिए छह माह में सिलिंडर के दाम 35 रुपये ही बढ़े हैं तो यह फायदा कौन नहीं उठाना चाहेगा।