जनजीवन ब्यूरो / पटना । बिहार के सुपौल जिले में लड़कियों के साथ छेड़छाड़ और मारपीट के मामले पर उच्चतम न्यायालय ने गंभीरता दिखाई है। सुपौल में 34 नाबालिगों लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न और मारपीट का मामला चिंता का विषय है। इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने स्वत: संज्ञान भी लिया है।
शनिवार को बिहार के सुपौल जिले में 34 लड़कियों से मारपीट मामले में पुलिस ने फिलहाल नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें एक नाबालिग भी शामिल है। दरअसल, लड़कियों ने दीवार पर लिखी अभद्र टिप्पणियों का विरोध किया था। जिन्हें पड़ोस के एक स्कूल के लड़कों द्वारा लिखा गया था। लड़कियों ने विरोध के साथ ही लड़कों को पीट- पीटकर भी भगाया था। इसी बात की जानकारी सभी नाबालिग लड़कों ने अपने घर वालों को दे दी थी। जिसके बाद उनकी माताओं ने अन्य ग्रामीणों के साथ मिलकर स्कूल परिसर में लड़कियों पर हमला बोल दिया था।
त्रिवेणीगंज के असिस्टेंट पुलिस सुप्रीटेंडेंट का कहना है कि सभी आरोपियों को पकड़ा जाएगा। किसी भी बेगुनाह को सजा नहीं दी जाएगी। लड़कियों ने 4 लड़कों के साथ मारपीट भी की थी क्योंकि वह विरोध करने पर अभद्र टिप्पणियां कर रहे थे। आधिकारी ने बताया कि जब लड़कियां परिसर में खेल रही थीं तो उनके साथ मारपीट की गई। भीड़ में लड़कों के माता-पिता भी शामिल थे।
मामले में अभी तक कुल 9 लोगों का नाम सामने आया है। इनमें से 4 लोगों को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था। जानकारी के मुताबिक सभी चोटिल लड़कियां जिले के त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के सुपौल में दरपखा गांव के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्राएं हैं। घटना शनिवार शाम की है जब आवासीय विद्यालय की छात्राएं अपने परिसर में खेल रही थीं।
सुपौल के जिलाधिकारी बैद्यनाथ यादव ने पीटीआई को बताया कि दोनों स्कूल एक ही परिसर में हैं जिनकी इमारतें अलग हैं लेकिन खेल का मैदान एक ही है। लड़कों ने कथित तौर पर लड़कियों के स्कूल की दीवार पर कुछ अभद्र टिप्पणी लिख दी थीं। जिसके चलते कुछ लोगों ने लड़कियों पर हमला किया।