जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो चुका है। 2019 लोकसभा चुनाव से पहले इन चुनावों को सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। असली लड़ाई मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में है, लेकिन तेलंगाना और मिजोरम का चुनाव भी कम दिलचस्प नहीं। आइए एक बार नजर डालते हैं इन राज्यों के पिछले 2 विधानसभा चुनाव के परिणामों पर…
मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं। 2008 में बीजेपी ने 38 फीसदी वोट शेयर के साथ 143 सीटों पर जीत हासिल की थी। तो कांग्रेस 32 फीसदी वोट हासिल करके 71 सीटें जीत पाई थी। 30 फीसदी वोट शेयर के साथ 16 सीटें अन्य के पास थीं। 2013 में बीजेपी ने 45 फीसदी वोट शेयर के साथ 165 सीटों पर कब्जा किया तो कांग्रेस 36 फीसदी मतों के साथ 58 सीटों पर सिमट गई। अन्य को 7 सीटें मिली थीं।
2014 लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में बीजेपी ने 54.8 फीसदी वोट शेयर के साथ कुल 29 सीटों में से 27 सीटों पर कमल खिलाने में कामयाबी पाई। कांग्रेस को 35.4 फीसदी वोट मिले और पार्टी सिर्फ 2 सीटों पर जीत पाई। बीएसपी को 3.9 फीसदी मत मिले।
राजस्थान में हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन की परंपरा रही है। 2008 विधानसभा चुनाव में 96 सीटें जीतकर कांग्रेस सत्ता में आई। तब बीजेपी को 78 सीटों पर जीत मिली थी। अन्य के खातों में 26 सीटें थीं। 2013 में बीजेपी ने जबर्दस्त वापसी की और 45 फीसदी वोट शेयर के साथ 163 सीटों पर जीत हासिल की। इस बार कांग्रेस 21 सीटों पर सिमट गई।
2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 55.6 फीसदी वोट शेयर के साथ राजस्थान के सभी 25 लोकसभा सीटों पर परचम लहराया। कांग्रेस के हाथ एक भी सीट नहीं लगी, जबकि उसे 30.7 फीसदी वोट मिले थे।