जनजीवन ब्यूरो नई दिल्ली । ओडिशा और आंध्र प्रदेश में तबाही मचा रहे चक्रवाती तूफान ‘तितली’ ने दो जानें ले ली हैं और फिलहाल इसके जल्द कमजोर पड़ने के आसार नहीं हैं। खासकर, निचले इलाकों में अभी तूफान के कारण भारी बारिश होने से बाढ़ जैसे हालात भी हो सकते हैं। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि सरकार और प्रशासन अलर्ट पर हैं। वक्त की जरूरत है कि सभी लोग आगे आएं। उन्हें विश्वास है कि सभी के सपॉर्ट से इस आपदा से बेहतर तरीके से निपटा जा सकेगा।
चक्रवाती तूफान ‘तितली’ की वजह से तटीय इलाकों में रह रहे करीब 3 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। ओडिशा के कई जिलों में इस तूफान की वजह से रेड अलर्ट घोषित किया गया है। इससे बचाव के लिए सरकार ने कई ऐहतियाती कदम भी उठाए हैं।
इससे पहले मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बुधवार को स्पेशल रिलीफ कमिश्नर के दफ्तर में जाकर ‘तितली’ से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया था। प्रभावित इलाकों में नैशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स की टीमें जुटी हुई हैं। तेज हवाओं के कारण जगह-जगह पेड़ और बिजली के खंभे गिरने से कई जगहों पर सड़क और संचार मार्ग बाधित हो गया है। एक नजर डालते हैं ‘तितली’ के कारण बनी मौजूदा स्थिति पर-
कहां-क्या असर
‘तितली’ के कारण दो अलग-अलग घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गई है। सारूबुज्जिली मंडल में मुदल्ला सूर्या राव का घर ढह गया, जिसमें दबकर उनकी मौत हो गई। वहीं, श्रीकाकुलम में थुडी अप्पल नरसम्मा के ऊपर पेड़ गिर गया। गोपालपुरम में मछुआरों की एक नाव पलट गई। हालांकि, राहत और बचाव टीम ने नाव पर सवार सभी 5 मछुआरों को बचा लिया। बता दें कि गोपालपुर पारादीप में तीन टीमें राहत और बचावकार्य में जुटी हैं। उधर, वीरघट्टम के कंबलवलासा में ‘तितली’ के कारण केले के फसल चौपट हो गई। भारी बारिश की भी कई जगह संभावना जताई गई है। बालासोर में सबसे अधिक 112 मिलीमीटर बरसात रेकॉर्ड की जा चुकी है।
सड़क, संचार, रेल सब बाधित
नंदीगाम मंडल के हरिदासपुरम में 5 घर, 3 जानवरों के शेड, बिजली के ट्रांसफॉर्मर तबाह हो गए। इसके साथ ही रेलमार्ग भी प्रभावित हुआ है। ट्रेन नंबर 12864 यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस, 12509 बेंगलुरु गुवाहाटी एक्सप्रेस और ट्रेन नंबर 15227 यशवंतपुर-मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस रद हो गई हैं। श्रीकाकुलम में पेड़ गिरने से सड़क मार्ग बाधित हो गया है। गजापति जिले से भी दूरसंचार टूट गया है।
इस खतरनाक तूफान के बारे में एक दिलचस्प बात ये है कि इसका नाम ‘तितली’ पाकिस्तान द्वारा रखा गया है। वैसे आम तौर पर तूफानों का कोई नाम नहीं होता है। तूफानों का नाम देने की शुरुआत 1950 के दशक में शुरू हुई थी।
ऐसे होता है तूफानों का नामकरण
किसी भी तूफान का नाम देने के लिए वर्णमाला के हिसाब से एक लिस्ट बनी हुई होती है। हालांकि तूफान के लिए Q, U, X, Y, Z अक्षरों से शुरू होने वाले नामों का प्रयोग नहीं किया जाता है। अटलांटिक और पूर्वी उत्तर प्रशांत क्षेत्र में आने वाले तूफानों का नाम देने के लिए 6 लिस्ट बनी हुई है और उसी में से एक नाम को चुना जाता है। अटलांटिक क्षेत्र में आने वाले तूफानों के लिए 21 नाम मौजूद हैं।
ऑड-ईवन फॉर्मूले का भी होता है प्रयोग
तूफानों के नामकरण के लिए ऑड-ईवन फॉर्मूले का भी प्रयोग किया जाता है। ईवन साल जैसे- अगर 2002, 2008, 2014 में अगर चक्रवाती तूफान आया है तो उसे एक आदमी का नाम दिया जाता है। वहीं, ऑड साल जैसे- 2003, 2005, 2007 में अगर चक्रवाती तूफान आया है तो उसे एक औरत का नाम दिया जाता है। एक नाम को 6 साल के अंदर दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाता है, जबकि अगर किसी तूफान ने बहुत ज्यादा तबाही मचाई है तो फिर उसका नाम हमेशा के लिए रिटायर कर दिया जाता है।
भारत में तूफानों का नाम देने की क्या है प्रक्रिया?
भारत में तूफानों का नाम देने की शुरुआत 2004 में हुई थी। भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, थाईलैंड, म्यांमार, ओमान और मालदीव ने नामों की एक लिस्ट बनाकर विश्व मौसम विज्ञान संगठन को सौंप दी। जब इन देशों में कहीं पर तूफान आता है तो उन्हीं नामों में से बारी-बारी से एक नाम को चुना जाता है। चूंकि इस बार नाम देने की बारी पाकिस्तान की थी, इसलिए ओडिशा और आंध्र प्रदेश में आए तूफान का नाम ‘तितली’ रखा गया।
तटों पर लहरें तेज होने से सुरक्षा को देखते हुए आरके बीच पर अलर्ट मरीन पुलिस। बता दें कि चक्रवात की भयावहता को देखते हुए ओडिशा सरकार ने 18 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। सरकार ने ऐहतियात बरतते हुए बुधवार को ही तटीय इलाकों से करीब तीन लाख लोगों को बाहर निकाल लिया था।
पांच जिलों गुंजम, पुरी, खुरा और केंद्रापाड़ा से लोगों को निकाला जा रहा है। ओडिशा में तितली तूफान, बीती रात तक तटीय इलाकों से 10,000 लोगों को सरकारी आश्रयगृहों में पहुंचाया गया। विशाखापत्तनम में पानी के बीच से पोर्ट से निकलती नाव।
विशाखापत्तनम में तेज रफ्तार हवाओं के कारण झूलते पेड़। ओडिशा सरकार ने राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज और आंगनवाड़ी केंद्रों को 11 और 12 अक्टूबर को बंद करने का आदेश दिए हैं। मुख्य सचिव आदित्य प्रसाद पाधी ने कहा कि राज्य में 11 अक्टूबर को होने जा रहे छात्र संघ चुनावों को रद्द कर दिया गया है।
चक्रवाती तूफान ‘तितली’ के मद्देनजर 11 और 12 अक्टूबर को भुवनेश्वर, कटक, ढेंकनाल, संभलपुर, खुर्दा और बेरहमपुर में होने वाली रेलवे भर्ती बोर्ड की परीक्षा रद्द कर दी गई है। नई तारीख और जगह का विवरण अभ्यर्थियों को उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ई-मेल पर भेज दिया जाएगा।
ओडिशा में ‘तितली’ का कहर, तूफानी हवाओं में उड़ा सब
पुरी के तट पर चक्रवाती तूफान के बीच टहलती एक महिला। मौसम विभाग ने इस तूफान की रफ्तार 165 किलोमीटर प्रतिघंटा पहुंचने की भी आशंका जताई है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बुधवार को बताया था कि इस चक्रवात के कारण 145 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं
बचाव के लिए क्या-क्या
गोपालपुर में 102 किमी/घंटा की रफ्तार से तूफान चलने की जानकारी थी। वहीं, आंध्र प्रदेश के कलिंगपटनम में 56 किमी/घंटा की रफ्तार से चक्रवाती हवाएं चल रही थीं। तूफान गोपालपुर गुरुवार सुबह 5.30 बजे पहुंचा। निचले इलाकों से 10,000 लोगों को एक रात पहले ही सरकारी शेल्टरहोम्स में पहुंचा दिया गया था। गंजम में भी राहत और बचावकार्य जारी हैं। वहीं, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने बताया था कि करीब तीन लाख लोगों को तटीय इलाकों से हटाया गया है।
ओडिशा ने 14 एनडीआरएफ की टीमें बालासोर, संभलपुर, गजापति, नयागढ़, पुरी, जयर, केंद्रपारा, भद्रक, जगतसिंहपुर, गंजम और भुवनेश्वर में भेजीं। एनडीआरएफ की चार टीमें आंध्र प्रदेश के विशखापत्नम, श्रीकाकुलम और विजयनगर में भेजी गई हैं। भारी बारिश के कारण बाढ़ की आशंका के चलते 300 मोटर बोट्स को लगाया गया है। 879 चक्रवात और बाढ़ शेल्टर्स को भी तैयार किया गया है।
एहतियातन उठाए गए कदम
ओडिशा सरकार ने राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज और आंगनवाड़ी केंद्रों को 11 और 12 अक्टूबर को बंद करने के आदेश दिए हैं। मुख्य सचिव आदित्य प्रसाद पाधी ने कहा कि राज्य में 11 अक्टूबर को होने जा रहे छात्र संघ चुनावों को रद्द कर दिया गया है। चक्रवात और इसके साथ भारी बारिश आने की संभावना के बीच सभी अधिकारियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है। तूफान और बारिश से पूरे राज्य के चपेट में आने की आशंका है।