जनजीवन ब्यूरो / श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा के हंदवाड़ा में सुरक्षाबलों ने एक बड़े ऑपरेशन के दौरान हिज्बुल मुजाहिदीन के 3 आतंकियों को मार गिराया। इसमें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) का पूर्व छात्र और रिसर्च स्कॉलर मन्नाव वानी भी शामिल था। मन्नान हिज्बुल का स्थानीय कमांडर भी था। वानी इसी साल एएमयू से लापता हुआ था। बाद में खबर आई कि वह आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया था। एएमयू ने मन्नान वानी को निष्कासित कर दिया था।
सूत्रों के मुताबिक, हंदवाड़ा के शाटगुंड इलाके में सेना की राष्ट्रीय राइफल्स, पुलिस और सीआरपीएफ के एक संयुक्त ऑपरेशन में हिज्बुल मुजाहिदीन के दो आतंकियों को मार गिराया गया। बताया जा रहा है कि मुन्नान वानी के लिए टेलिग्राम चैनल पर एक संदेश भी जारी हुआ है कि, ‘डॉक्टर वानी को शहादत मिली। अल्लाह उन्हें जन्नत में जगह दें।’
सेना की वॉन्टेड लिस्ट में था वानी
मन्नान वानी ने इस साल की शुरुआत में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का पीएचडी कोर्स छोड़कर हिज्बुल मुजाहिदीन का हाथ थाम लिया था। हिज्बुल ने उसे कुपवाड़ा का कमांडर बनाया गया था। मन्नान के हिज्बुल जॉइन करने के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियों को उसकी तलाश थी। वहीं पिछले दिनों सेना द्वारा जारी मोस्ट वॉन्टेड टेररिस्ट की सूची में मन्नान का भी नाम शामिल किया था।
आतंकियों ने फायरिंग कर भागने का किया प्रयास
हिज्बुल कमांडर की इसी तलाश के बीच गुरुवार सुबह सेना को हंदवाड़ा में उसके छिपे होने की जानकारी मिली। इसके बाद करीब 9 बजे राष्ट्रीय राइफल्स, पैरा स्पेशल फोर्स, एसओजी और सीआरपीएफ की टीमों ने शाटगुंड इलाके की घेराबंदी की और फिर लाउडस्पीकर के जरिए छिपे आतंकियों को सरेंडर करने के लिए कहा गया। वहीं सुरक्षाबलों की सख्त घेराबंदी के बीच आतंकियों ने फायरिंग कर भागने का प्रयास किया।
मुठभेड़ के बाद इलाके में भारी हिंसा
आतंकी फायरिंग के जवाब में सेना के जवानों ने मोर्चा संभालते हुए जवाबी फायरिंग की, जिसके बीच तीन आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया गया। आतंकियों के गिरफ्तार होने की खबर पर तुरंत इलाके में मौजूद उपद्रवियों ने सुरक्षाबलों पर पथराव शुरू कर दिया, लेकिन सीआरपीएफ जवानों ने आंसू गैस के गोले और पैलेट गन का इस्तेमाल कर सभी को एनकाउंटर साइट के आसपास से खदेड़ दिया। इसके बाद हिरासत में लिए गए आतंकियों को किसी अज्ञात जगह पर ले जाकर पूछताछ शुरू की गई।
कौन था मन्नान वानी
भूगर्भ शास्त्र के रिसर्च स्कॉलर मन्नान बशीर वानी ने साल के शुरुआत में ही पढ़ाई छोड़कर हिज्बुल मुजाहिदीन का हाथ थाम लिया था। इसके बाद उसे कुपवाड़ा में कमांडर बनाया गया था। उधर फेसबुक पर राइफल के साथ मन्नान की तस्वीर वायरल होने पर उसे यूनिवर्सिटी से निष्काषित कर दिया गया था। कहा जा रहा था कि वह 5 जनवरी को ही हिज्बुल में शामिल हो गया था।
मन्नान पिछले पांच साल से एएमयू से पढ़ रहा था। वह जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के ताकिपोरा गांव का रहने वाला था। मन्नान को उसके घरवाले आगे की पढ़ाई के लिए यूएस भेजने की तैयारी कर रहे थे जिसके लिए वह बहुत ज्यादा उत्साहित था लेकिन उसके आतंकी संगठन में शामिल होने की खबर के बाद से घरवाले निराश थे और वापसी की उम्मीद लगाए बैठे थे।
घरवालों से आखिरी बार 4 जनवरी को हुई थी बात
घरवालों की उससे आखिरी बार 4 जनवरी को बात हुई थी। जब मन्नान ने अपने भाई को परिवार के साथ पुरानी तस्वीरें भेजी थीं। उसके बाद उसका फोन बंद हो गया। उसने उसका फेसबुक अकाउंट भी बंद कर दिया।
बताया जा रहा है कि जनवरी में ही मन्नान एएमयू से कश्मीर गया था। इसके बाद उसके आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन से जुड़ने की खबर आई थी। मन्नान के हिज्बुल जॉइन करने के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियों को उसकी तलाश थी। वहीं पिछले दिनों सेना द्वारा जारी मोस्ट वॉन्टेड टेररिस्ट की सूची में मन्नान का भी नाम शामिल किया था।