जनजीवन ब्यूरो
उफा । ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को रूस के शहर उफा में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात की। उन्होंने बैठक में मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी की रिहाई को लेकर पाकिस्तान पर कार्रवाई करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में लाए गए प्रस्ताव पर चीन के वीटो पर अपनी चिंता जाहिर की।
विदेश सचिव एस जयशंकर ने दोनों नेताओं के बीच बैठक के बाद प्रेस कान्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। पिछले माह संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध कमेटी की बैठक में भारत ने लखवी की रिहाई का मुद्दा उठाकर पाकिस्तान को घेरा था। लेकिन चीनी प्रतिनिधि ने यह कहकर प्रस्ताव में अड़ंगा लगा दिया कि भारत ने मामले में पर्याप्त सुबूत मुहैया नहीं कराए हैं। भारत पहले ही कह चुका है कि चीन का यह कदम द्विपक्षीय रिश्तों की प्रगति से अलग दिशा में था।
वहीं मोदी ने कहा कि एक साल में चीन के राष्ट्रपति से पांचवीं बार मुलाकात दोनों देशों के रिश्तों की गहराइयों का पता चलता है। जुलाई में ब्राजील के फोर्टलेजा में जी-20 सम्मेलन में पहली भेंट के बाद दोनों की यह चौथी द्विपक्षीय बैठक है। सितंबर 2014 में जिनपिंग भारत आए थे और इस साल मई में मोदी ने चीन की यात्रा की थी। दोनों नेता आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान भी मिले थे।
विदेश सचिव एस जयशंकर के मुताबिक, दोनों नेताओं में ब्रिक्स, शंघाई सहयोग संगठन, विश्वास बहाली के उपायों, सीमा मुद्दे, संयुक्त राष्ट्र में सुधार जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। हालांकि जकीउर रहमान लखवी के मामले में पाक की घेराबंदी रोकने के प्रयास को चीन द्वारा विफल करने पर कोई बातचीत हुई या नहीं, इसका जिक्र जयशंकर ने नहीं किया। मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता पर भी चर्चा की।
ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को रूस के शहर उफा पहुंचे। मोदी ने यहां रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन से मुलाकात की और कहा कि दोनों देशों के रिश्ते समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं।
मोदी ने एससीओ में भारत की सदस्यता के लिए पुतिन का धन्यवाद किया। इसकी प्रक्रिया अगले साल तक पूरी हो जाएगी। मोदी ने कहा कि छह सदस्यों के समूह के फैसले के बारे में सूचित करने के लिए पुतिन ने खुद उनसे बात की। मोदी ने कहा कि वह वार्षिक द्विपक्षीय शिखर बैठक के लिए साल के अंत में फिर से रूस की यात्रा करेंगे।
बैठक में मोदी ने रूसी राष्ट्रपति से पूछा कि क्या वह योग करते हैं। जवाब में पुतिन ने कहा, मुझे नहीं पता कि योग कैसे करते हैं। जब आप लोग इसे करते हैं तो ये मुश्किल दिखता है। इसीलिए मैंने इसे करने की कोशिश नहीं की। वहीं पुतिन ने पश्चिमी देशों की आशंकाओं को दूर करते हुए कहा कि (ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन और दक्षिण अफ्रीका के समूह) ब्रिक्स की सैन्य और राजनीतिक गठबंधन बनाने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स वैश्विक मौद्रिक व्यवस्था को बदलना चाहता है जो अमेरिकी डॉलर पर सबसे ज्यादा निर्भर करती है।
भारत की रेल परियोजनाओं में रूस भागीदारी कर सकता है। इन परियोजनाआंे के लिए सौ अरब डाॠलर की लागत से बने ब्रिक्स नवविकास बैंक के जरिये मदद दिए जाने की संभावना है। रूसी रेल के प्रमुख व्लादिमीर याकूनिन ने इसका संकेत दिया है। भारत और रूस ने पनबिजली उत्पादन परियोजना में वित्तीय मदद के सहमति पत्र पर भी दस्तखत किए।
भारत और कजाकिस्तान ने आर्थिक और सामरिक संबंधों को नया आयाम देते हुए बुधवार को यूरेनियम आपूर्ति समेत पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। परमाणु करार के तहत कजाकिस्तान भारत को पांच वर्षों में पांच हजार टन यूरेनियम देगा। इससे भारत को परमाणु बिजली उत्पादन के लिए जरूरी ईंधन हासिल करने में मदद मिलेगी।
कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव की मौजूदगी में इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। रक्षा, रेलवे, खेल और सजायाफ्ता कैदियों की अदलाबदली से संबंधित समझौते पर भी मुहर लगी। मोदी ने नजरबायेव के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘कजाकिस्तान मध्य एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। रक्षा और सुरक्षा सहयोग को हम और मजबूत करना चाहते हैं।’ वहीं कजाकिस्तान भारतीय को अतिरिक्त तेल-गैस उत्खनन के लिए एक और ब्लाॠक देने पर राजी हो गया है।
दोनों नेताओं ने तेज कदम शीर्षक से एक संयुक्त बयान जारी किया। इसमें देशों ने संयुक्त राष्ट्र की 70वीं वर्षगांठ पर सुरक्षा परिषद के सुधारों में तेजी लाने पर सहमति जताई। कजाकिस्तान ने सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया। भारत ने 2017 में कजाकिस्तान के लिए सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता के लिए भी समर्थन का ऐलान किया। दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र संयुक्त राष्ट्र संधि को जल्द से जल्द पूरा करने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कजाकिस्तान के राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव को उनके 75वें जन्मदिन की बधाई दी। प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद मोदी ने नजरबायेव को उन धर्मों से जुड़ी किताबें भेंट की, जिनका विकास भारत में हुआ। इनमें गुरु ग्रंथ साहिब का अंग्रेजी अनुवाद और दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय की पांडुलिपियों की प्रतिकृतियां भी थीं। प्रतिकृतियों में जैन धर्म के सबसे पवित्र ग्रंथों में से एक जैन आचार्य भद्रबाहु के प्राकृत में लिखे ग्रंथ ‘कल्पसूत्र’, संस्कृत में लिखे बौद्ध धर्म के सबसे महत्वपूर्ण शास्त्र ‘अष्टसहस्रिका प्रज्ञापरमिता’ और वाल्मीकि रामायण का पारसी अनुवाद शामिल है।
उज्बेकिस्तान के बाद कजाकिस्तान में भी भारतीय गानों और बाॠलीवुड के प्रति दीवानगी की झलक देखने को मिली। प्रधानमंत्री के लिए कजाक राष्ट्रपति की ओर से आयोजित भोज में कलाकारों ने राजकपूर के मशहूर गाने आवारा हूं की धुन बजाई। इस दौरान एक गायिका ने मैं शायर तो नहीं… गाना गाकर खूब वाहवाही बटोरी। कार्यक्रम में भरतनाट्यम नृत्य भी पेश किया गया।