जनजीवन ब्यूरो अमृतसर : अमृतसर ट्रेन हादसे के तीसरे दिन पर जौड़ा फाटक से ट्रेनों की आवाजाही संभव नहीं हो सकी। हालांकि रेलवे ने एक मालगाड़ी दौड़ाकर हालात जानने कोशिश की। लेकिन इस दौरान लोगों ने जमकर पथराव किया। दरअसल, हादसे के मद्देजनर लोगों में काफी रोष है। मृतक परिवारों के परिजन इतने गुस्से में हैं कि जौड़ा फाटक पर ट्रेनों की आवाजाही शुरू होने की बात पता चलते ही वे ट्रैक पर पहुंच गए।
वे लोग ट्रैक पर बैठकर धरना देने लगे। जब पुलिस उन्हें हटाने के लिए आगे बढ़ी, लोगों ने उन पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। मामला बढ़ता देखकर पुलिस को पीछे हटना पड़ा, लेकिन पुलिस फिर से आगे बढ़ी और लोगों को जबरन हटाकर ट्रैक खाली कराया। इस दौरान लोग पत्थर फेंकते रहे। कई लोगों की पुलिस वालों के साथ झड़प भी हुई। पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा।
बताया जा रहा है कि इस पत्थरबाजी और झड़प में एक जवान और एक पत्रकार के घायल होने की खबर है, जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि जवान की आंखों पर पत्थर लगा है। इस समय कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए घटनास्थल पर भारी पुलिस बल तैनात है।
वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जिला कमिश्नर और पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिए हैं कि वे हादसे में मरने वाले लोगों की सूची उपलब्ध कराएं। उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति का पूरा ब्यौरा दें। दूसरी ओर, नवजोत सिद्धू हादसे में घायल लोगों से मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे।