जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ राजनांदगांव में कांग्रेस की तरफ से चुनाव कौन लड़ेगा? पिछले दिनों ये चर्चा चली थी कि पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा सीएम के खिलाफ मैदान में हो सकते हैं। फिर नाम ताम्रध्वज साहू का भी आया। अब तीसरा नाम करुणा शुक्ला का सामने आ रहा है। हालांकि इन नामों की ना तो अधिकारिक पुष्टि की गई है और ना ही कोई मजबूती से इनकी दावेदारी पर बात कर रहा है, लेकिन चर्चाओं का दौर जारी है। आज कांग्रेस कोर ग्रुप की पहली बैठक में करुणा शुक्ला के नाम पर चर्चा हुई है।
दरअसल, कांग्रेस चाह रही है कि मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ कोई बड़ा नाम उतारा जाए। किसी भी कांग्रेस नेता में रमन सिंह के खिलाफ उतरने का साहस नहीं दिख रहा है। लिहाजा अपने अस्तित्व को बरकरार रखने के लिए कांग्रेस का कोई बड़ा चेहरा हामी भरने को तैयार नहीं है। दूसरी तरफ करुणा शुक्ला के लिए फिलहाल उनकी पसंदीदा जगहों में गुंजाइश बनती भी नहीं दिख रही है।
ऐसे में अटल सहानुभूति के सहारे करुणा शुक्ला को मुख्यमंत्री के खिलाफ उतारने की कांग्रेस रणनीति तैयार कर सकती है, इसलिए करुणा के नाम पर विचार चल रहा है। अगर पार्टी ने नाम दिया तो शायद करुणा को इंकार भी नहीं होगा, क्योंकि उनके पास भी कम ही विकल्प हैं।
कौन हैं करुणा शुक्ला?
करुणा शुक्ला पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की भतीजी हैं, कांग्रेस में शामिल होने से पहले वह छत्तीसगढ़ से बीजेपी सांसद रह चुकी हैं। बाद में उपेक्षा का आरोप लगाकर करुणा ने अपना पाला बदला और कांग्रेस में शामिल हो गईं। करुणा शुक्ला के राजनीतिक करियर की बात की जाए तो 1993 में पहली बार विधानसभा सदस्य चुनी गई। 2004 में जांजगीर सीट से जीत दर्ज कराई थी। उसके बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में चरणदास महंत से हार गई थीं। भाजपा में रहते हुए करुणा शुक्ला कई महत्वपूर्ण पदों पर रही हैं।