जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : सीबीआई खुद की ही जांच में उलझी हुई है। सीबीआई के दो टॉप निदेशक आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना एक दूसरे पर रिश्वतखोरी का आरोप लगा रहे हैं। इस बीच, केंद्र सरकार ने मामले में सख्त कदम उठाते हुए दोनों को छुट्टी पर भेज दिया है और सीबीआई के संयुक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव को एजेंसी का अंतरिम निदेशक नियुक्त किया है।
नागेश्वर राव 1986 बैच के ओडिशा कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं और वो तेलंगाना के वारंगल जिले के रहने वाले हैं। उन्हें इसी साल मई महीने में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अतिरिक्त निदेशक के पद पर पदोन्नत किया गया था। उससे पहले वो सीबीआई दक्षिणी जोन, चेन्नई के संयुक्त निदेशक थे। उन्हें ओडिशा, पश्चिम बंगाल, उत्तर पूर्वी राज्यों, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर सहित कई राज्यों की जिम्मेदारी मिली थी।
नागेश्वर राव ओडिशा और पश्चिम बंगाल में चिट फंड घोटाले और सारदा घोटाले की भी जांच कर रहे थे। राव को एक सख्त पुलिस अधिकारी और एक कुशल प्रशासक के रूप में जाना जाता है। वह अपनी बेहतरीन और विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस मेडल, विशेष कर्तव्य मेडल और ओडिशा गवर्नर मेडल पा चुके हैं।
ओडिशा के मयूरभंज, नबरंगपुर, बरगढ़ और जगतसिंहपुर समेत चार जिलों के एसपी होने के अलावा राव राउरकेला में रेलवे और कटक में अपराध शाखा के एसपी भी रह चुके हैं।
नागेश्वर राव ओडिशा के पहले ऐसे पुलिस अधिकारी थे, जिन्होंने साल 1996 में जगतसिंहपुर जिले में हुए बलात्कार मामले का पता लगाने के लिए जांच में डीएनए फिंगर प्रिंटिंग तकनीक का इस्तेमाल किया था। यह मामला 7 साल तक चला था और आखिरकार वो आरोपी को सजा दिलाने में कामयाब रहे थे।
इसके अलावा मणिपुर में भी सीआरपीएफ के डीआईजी (ऑपरेशंस) के रूप में उनके विरोध विद्रोही कार्य के लिए उन्हें खूब प्रशंसा मिली थी। वहीं, साल 2008 में भी उन्होंने सीआरपीएफ के आईजी के रूप में एक नक्सली ऑपरेशन को अंजाम दिया था।
राव फायर सर्विस के प्रमुख के तौर पर भी काम कर चुके हैं। उनके नेतृत्व में फायर सर्विस देश का एक बेहतरीन संगठन बन गया था। फायर सर्विस में प्रमुख के तौर पर उन्होंने साल 2013 में आए चक्रवात फैलिन के दौरान उत्कृष्ट कार्य किया था और साल 2014 में भी ओडिशा और आंध्र प्रदेश में आए चक्रवाती तूफान हुदहुद से निपटने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसके लिए उन्हें सीएम पुरस्कार और 5 लाख रुपये नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया था।