जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। जाति आधारित जनगणना के आंकड़ों पर राजनीतिक गतिरोध के बीच केंद्गीय मंत्री रामविलास पासवान ने आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद पर निशाना साधा और कहा कि इनमें से कोई भी मंडल की राजनीति का मसीहा नहीं है।
पासवान ने यहां प्रेस क्लब में मीडिया से बातचीत में बार बार लालू प्रसाद पर हमला बोला और आरोप लगाया कि अयोध्या आंदोलन के समय 199० में लालकृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार करने को लेकर बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री अपने दावों के विपरीत संकोच कर रहे थे और उन्हें डर था कि कहीं सांप्रदायिक दंगे न भड़क जाएं।
लालू और पासवान कुछ साल पहले विरोधी से राजनीतिक मित्र बने थे और अब दोनों फिर से विरोधी गठबंधनों का हिस्सा हैं। पासवान ने कहा, ”वे :नीतीश और लालू: झूठ के पुरोधा हैं। वे मंडल की बात करते रहते हैं। लेकिन वे मंडल के मसीहा नहीं हैं। जहां तक आडवाणी की गिरफ्तारी की बात है तो इसकी योजना बहुत पहले बना ली गयी थी। उन्हें उत्तर प्रदेश में गिरफ्तार किया जाना था लेकिन फिर कुछ हो गया।’’
वी पी सिंह सरकार में केंद्गीय मंत्री रहे पासवान ने कहा, ”तत्कालीन प्रधानमंत्री वी पी सिंह ने रात को लालू प्रसाद से कहा था कि उन्हें आडवाणी को गिरफ्तार करना होगा। लालू संकोच कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक दंगे भड़क सकते हैं लेकिन सिंह ने उनसे कहा कि वे चिंता नहीं करें और बंदोबस्त कर लिए गए हैं।’’
लालू प्रसाद बार बार यह दावा करते रहे हैं कि उन्होंने बिहार में आडवाणी को गिरफ्तार किया था और उनकी ‘रथयात्रा’ रोकी थी। लालू यह भी कहते हैं कि नीतीश कुमार के साथ उनका गठजोड़ बिहार में सांप्रदायिक ताकतों को आने से रोकने के लिए बना है।
बिहार में राजग के प्रमुख सहयोगी दल लोक जनशक्ति पार्टी के नेता पासवान ने विश्वास जताया कि राज्य में भाजपा नीत राजग अपना लोकसभा चुनाव सरीखा प्रदर्शन दोहराएगा और कुल 243 विधानसभा सीटों में से 15० से अधिक सीटें जीतेगा।
हालांकि पासवान ने माना कि बिहार के चुनाव में जाति एक भूमिका निभाती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लालू और नीतीश दोनों राज्य के बड़े ओबीसी नेता हैं और उनका साझा वोट प्रतिशत भाजपा के राज्य की सत्ता में आने के इरादे में कठिनाई पैदा कर सकता है। हालांकि पासवान ने इस तरह की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया।
जाति आधारित जनगणना के आंकड़ों को रोककर रखने के केंद्ग के फैसले के बारे में पूछे जाने पर लोजपा अध्यक्ष ने संतुलित प्रतिक्रिया दी। दरअसल नीतीश और लालू ने इसके तत्काल प्रकाशन की मांग की है।
सीधा जवाब देने से बचते हुए पासवान ने कहा, ”जाति आधारित जनगणना के आंकड़े जारी करने से क्या होगा? इससे जातियों की संख्या घट बढ़ तो नहीं जाएगी। इसे सार्वजनिक करने से आपको क्या मिलेगा।’’
उन्होंने कहा, ”यह बात भी है कि जब जाति आधारित जनगणना की जाएगी तो यह ज्यादा दिन छिपा नहीं रह सकता। आज नहीं तो कल यह सार्वजनिक हो ही जाएगा। मीडिया भी है।’’
पासवान का दावा है कि लालू प्रसाद के विपरीत वह अपने समर्थकों को अपने गठबंधन सहयोगियों के लिए वोट देने के लिए मना सकते हैं। उन्होंने कहा, ”15 साल से लालू प्रसाद की पार्टी की सरकार थी औ फिर 1० साल तक बिहार में नीतीश कुमार का शासन रहा। 25 साल तक सरकार ओबीसी के नेताओं की रही। अब आप ओबीसी के नाम पर किन तक पहुंच बनाने की कोशिश कर रहे हो।’’
समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया के विचारों को उद्धृत करते हुए पासवान ने बिहार में भविष्य में ऊंची और नीची जातियों के लोगों के साथ आने कीवकालत की। उन्होंने कहा, ”उत्तर प्रदेश में यह हुआ। बिहार में भी होगा।’’