जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई बुधवार रात पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में खुलकर सामने आ गई। बताया जा रहा है कि बैठक के दौरान टिकट को लेकर दिग्विजय और सिंधिया के बीच तू-तू, मैं-मैं की नौबत आ गई। मामला इतना बिगड़ गया कि राहुल को खुद दखल देना पड़ा और उन्होंने वीरप्पा मोइली, अशोक गहलोत, अहमद पटेल की तीन सदस्यों की कमेटी बनाई जो इनके बीच के विवाद को सुलझाएगी।
बताया जाता है कि बुधवार रात उम्मीदवारों के चयन के लिए कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में अपने-अपने समर्थकों को टिकट दिलाने के नाम पर दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच बहस हो गई। यह बहस काफी देर तक चली और गर्मागर्मी बढ़ती चली गई। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि दोनों नेताओं में हाथापाई की नौबत तक आ गई और राहुल बस देखते रहे।
नाराज राहुल ने तीन सदस्यीय कमिटी बनाई
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच बहस से राहुल गांधी काफी नाराज हैं। उन्होंने इस पूरे मामले को सुलझाने के लिए कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं की कमिटी बनाई है। इस कमिटी में अशोक गहलोत, अहमद पटेल और वीरप्पा मोइली शामिल हैं। बताया जा रहा है कि बुधवार देर रात तक कमिटी ने इस विवाद को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन आंतरिक गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
हालांकि, इस संबंध में पूछे जाने पर वीरप्पा मोइली ने कहा कि नेताओं में कोई मतभेद नहीं हैं।
आपको बता दें कि इसी महीने 28 नवंबर को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए वोटिंग होनी है। बीजेपी 15 सालों से मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज है। इस बार कांग्रेस ने बीजेपी से एमपी का गढ़ छीनने के लिए पूरा जोर लगा दिया है। राहुल गांधी ने इसके लिए एमपी की कमान वरिष्ठ नेता और सांसद कमलनाथ और ज्योतिरादित्य को सौंप रखी है। कांग्रेस के पूरे चुनावी अभियान के दौरान 10 साल तक एमपी के सीएम रहे दिग्विजय सिंह गायब नजर आए हैं।
बताया जा रहा है कि खुद को नजरअंदाज किए जाने से वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह काफी नाराज हैं। इसे लेकर सोशल मीडिया पर एक फेक चिट्ठी भी वायरल हुई। इस चिट्ठी में दिग्विजय सिंह कथित तौर पर सोनिया गांधी से टिकट बंटवारे में हुई गड़बड़ी का जिक्र करते दिखे। हालांकि दिग्विजय ने ट्वीट कर साफ कर दिया कि यह चिट्ठी फेक है। राहुल गांधी के लिए मध्य प्रदेश चुनाव में सबसे बड़ी चुनौती खुद की पार्टी को एकजुट रखने की है। ऐसे में जबकि चुनाव सिर पर हैं, प्रदेश कांग्रेस की टॉप लीडरशिप के बीच मतभेद की ऐसी खबरों की पार्टी को कीमत भी चुकानी पड़ सकती है।
इस विवाद को लेकर आज भी बैठक का दौर जारी है। बता दें कि बुधवार को दिल्ली में सोनिया गांधी के आवास पर कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की तीसरी बैठक हुई थी जो दिनभर चली। इसमें विधानसभा की सभी 230 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा हुई।
पार्टी सूत्रों के अनुसार पहले राउंड की बैठक में स्क्रीनिंग कमेटी ने बड़े शहरों और विवादों में फंसी विधानसभा सीटों समेत 51 सीटों पर चर्चा की। केंद्रीय चुनाव समिति ने सभी 230 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा के साथ-साथ प्रदेश कांग्रेस के सभी नेताओं से एक-एक सीट के बारे में चर्चा की।