मृत्युंजय कुमार/ नई दिल्ली । भारत के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को अपनी सीमा के करीब स्थित सिखों के पवित्र धार्मिक स्थल करतारपुर कॉरिडोर का शिलान्यास किया। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी पहुंचे हुए हैं। साथ ही केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और हरसिमरत कौर बादल अटारी-वाघा बॉर्डर से इस कार्यक्रम में शामिल होने पाकिस्तान पहुंचे। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि मैं इस यात्रा का हिस्सा बनकर सुखद महसूस कर रहा हूं । सालों बाद आज में करतारपुर साहिब के दर्शन करुंगा और इसके लिए मैं दोनों देशों का आभारी हूं।
सिद्धू की तारीफ करते हुए कार्यक्रम में इमरान खान भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि आज लग रहा है कि पाकिस्तान में हिंदुस्तान खड़ा है। उन्होंने कहा कि मैंने 21 साल क्रिकेट खेला और 22 साल सियासत की और इन वर्षों में मैंने सिद्धू जैसा दोस्त पाया और इससे लगता है कि इंसानियत जिंदा है। इमरान खान ने कहा कि मैं आज यह कहना चाहता हूं कि अगर भारत एक कदम आगे बढ़ाएगा तो हम दो कदम आगे बढ़ाएंगे।
इमरान खान इस दौरान काफी भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि जब मैं सियासत में आया तो ऐसे लोगों से मिला जो बस अपने लिए ही काम कर रहे थे उन्हें आवाम से कोई लेना-देना नहीं होता था। उन्होंने कहा कि आज पाकिस्तान-हिंदुस्तान जहां खड़ा है, 70 साल से दोनों देशों के बीच ऐसा ही हो रहा है। और जहां तक गलतियों की बात है दोनों तरफ से गलतियां हुईं हैं लेकिन हम जबतक आगे नहीं बढ़ेंगे तो ये जंजीर टूटेगी नहीं।
इमरान ने कहा कि हम एक कदम आगे बढ़कर दो कदम पीछे हट जाते हैं, लेकिन रिश्ते ठीक करने के लिए हम प्रयास नहीं करते हैं। अगर फ्रांस-जर्मनी एक साथ आ सकते हैं, तो फिर पाकिस्तान-हिंदुस्तान ऐसा क्यों नहीं कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारा मसला सिर्फ कश्मीर का है, इंसान चांद पर पहुंच चुका है लेकिन हम एक मसला हल नहीं कर पा रहे हैं। ये मसला तभी हल हो पाएगा जब हम पक्का फैसला करेंगे। उन्होंने कहा कि जब पिछली बार सिद्धू वापस गए तो इनकी काफी आलोचना हुई, लेकिन एक इंसान जो शांति का पैगाम लेकर आया है वो क्या जुर्म कर रहा है। हमारे दोनों के पास एटमी हथियार है, तो इनके बीच जंग हो ही नहीं सकती है। दोनों देशों के बीच जंग का सोचना पागलपन है। और जब हम दुश्मन नहीं हो सकते तो दोस्ती ही हमारे बीच बचती है।
इसी-बीच उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू के प्रधानमंत्री बनने की दुआएं भी मांग लीं और कहा कि हम अब इंतजार नहीं कर सकते कि जब सिद्धू भारत के वजीरेआजम बनेंगे तभी भारत और पाक की दोस्ती होगी।
नवजोत सिंह सिद्धू ने लूटा पाकिस्तानियों का दिल
शिलान्यास के बाद नवजोत सिंह काफी जोश में नजर आए और उन्होंने इस मौके पर कहा कि मैं यहां नानक साहब का पैगाम लेकर आया हूं। इसी बीच उन्होंने एकबार फिर से इमरान खान को धन्यवाद कहते-कहते दिलदार भी कहा। सिद्धू ने इमरान खान की तारीफ के पुल बांधे और कहा कि इस ऐतिहासिक कॉरिडोर के बारे में जब भी लिखा जाएगा तो पहले पन्ने पर इमरान खान का नाम लिखा जाएगा।
वह बोले मैं करतारपुर कॉरिडोर में बहुत बड़ी संभावना देखता हूं। यह दो देशों को मिलाने वाला और लोगों को जोड़ने वाला कॉरिडोर है।
इस मौके पर सिद्धू ने एक कविता पाठ भी किया। साथ ही सिद्धू ने कहा कि हंस और बगुला सरोवर में एक साथ रहते हैं लेकिन हंस मोती ढूंढता है लेकिन बगुला मछली। वह बोले सब कुछ सोच पर निर्भर करता है। करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास कार्यक्रम में नवजोत सिद्धू ने पाक पीएम इमरान खान को फिर फरिश्ता बताया।
सिद्धू ने लगे हाथों दोनों देशों को नसीहत भी दे डाली और कहा कि दोनों देशों को यह समझना होगा कि हमें अब आगे बढ़ जाना चाहिए। उन्होंने इस दौरान अपने पिता को याद करते हुए कहा कि जब मैं छोटा था तब पंजाब मेल लाहौर तक जाती थी, लेकिन मेरा मानना है कि यह ट्रेन पेशावर तक जानी चाहिए, अफगानिस्तान तक जानी चाहिए।
शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल भाषण देते हुए भावुक हो गईं। उन्होंने कहा कि आज हमारी कौम के लिए ऐतिहासिक दिन है, भारत का हर एक सिख पिछले 70 सालों से यहां आकर दर्शन करना चाहता था वो अब पूरा हो रहा है। जिसके हाथ में सेवा लिखी थी, उसी के हाथों ये काम पूरा हुआ है। गुरु नानक साहब ने अपना आखिरी समय आपकी धरती पर बिताया, लेकिन 4 किमी. का ये फासला पूरा करने में 70 साल लग गए।
सिमरत बोलीं ने यहां मेरा कोई दोस्त, कोई जानने वाला नहीं लेकिन एक सिख होने के नाते मेरी अरदास पूरी हुई है। अपनी बात कहते हुए बादल भावुक हो गईं। हमारी पार्टी 7 महीने से इस मांग को पूरा करने में लगी थी, हमारी कैबिनेट ने इसका फैसला लिया और आज ये सपना पूरा हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब बर्लिन की दीवार गिर सकती है तो भारत-पाकिस्तान के बीच की नफरत क्यों नहीं दूर हो सकती है।
वहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को कहा कि करतारपुर गलियारा पहल का पाकिस्तान के साथ बातचीत से कोई लेना-देना नहीं है और पाकिस्तान जब भारत में आतंकवादी गतिविधियां बंद कर देगा तभी उससे बातचीत शुरू होगी।
भारत इस गलियारे की लंबे समय से मांग करता रहा है, जिससे भारतीय सिख श्रद्धालु बिना वीजा के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब तक आ जा सकें। स्वराज ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि पाकिस्तान ने पहली बार सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इस कदम भर से द्विपक्षीय वार्ता शुरू हो जाएगी। आतंक और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकती।’’
विदेश मंत्री तेलंगाना में सात दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले प्रचार के लिए यहां हैं और वह संवाददाताओं को संबोधित कर रहीं थीं। उन्होंने कहा, ‘‘जिस क्षण पाकिस्तान भारत में आतंकवादी गतिविधियां बद कर देगा, बातचीत शुरू हो सकती है लेकिन बातचीत केवल करतारपुर गलियारे से जुड़ी नहीं है।’’