अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली । जब से पीएम नरेंद्र मोदी ने बेरोजगारों को पकोड़ा तलने की सलाह दी है तबसे पकोड़े बेचने वाले व खाने वालों की संख्या बढ़ गई है। लेकिन पीएम के योगा करने की सलाह पर पर अमल करने वालों की तादाद उतनी नहीं बढ़ी जितनी अपेक्षा की जा रही थी। नतीजतन पकोड़े खाने वालों व खानपान में लापरवाही बरतने वाले हाइपरटेंशन के शिकार हो रहे हैं। इन्हीं मसलों को लेकर गैर सरकारी संगठन दिशा फाउंडेशन ने विशेषज्ञों, समाजसेवकों व पत्रकारों के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया।
हाइपरटेंशन सासाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रो.बी ए मुरुगथन ने शोधों के आधार पर उच्च रक्त चाप को सबसे ज्यादा जानलेवा बताया। पूरी दुनिया में उच्च रक्त चाप की चपेट में आकर 94 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। जबकि तंबाकू के सेवन करने वाले लगभग 60 लाख लोग प्रति वर्ष काल की गाल में समा जाते हैं।
स्वास्थ्य पत्रिका लैनसेट ने मई 2008 में हाइपरटेंशन व ट्रांसफैट के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जाहिर करते हुए भारतीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों व सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए इसकी रोकथाम पर तत्काल कदम उठाने की सलाह दी थी। केंद्र सरकार ने उसपर अमल करते हुए वर्ष 2010 में आमलोगों की स्क्रीनिंग करने का अभियान शुरु किया।
स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आधार पर यह बात सामने आई है कि सिक्किम ऐसा राज्य है जहां हाईपरटेंषन व ट्रांसफैट की चपेट में सबसे ज्यादा लोग हैं। आंकड़ो के अनुसार लगभग 37 फीसदी सिक्किम की आबादी इन बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। जबकि दूसरे पायदान पर नगालैंड हैं जहां लगभग 36 फीसदी आबादी इन बीमारियों के शिकार हैं। राहत की बात यह है कि उत्तर पूर्व का ही राज्य मिजोरम सबसे निचले पायदान पर है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की डॉ. साधना भागवत ने कहा कि भारत सरकार ने देश के 700 जिलों में से 450 जिलों में हाइपरटेंशन के शिकार लोगों की पहचान के लिए स्क्रीनिंग अभियान चला रही है । उन्होंने कहा कि देश में हो रही कुल मौतों में 63 फीसदी हिस्सेदारी गैर संचारी रोगों री है। डॉ. साधना ने कहा कि 2016 में वायु प्रदूषण के कारण पूरी दुनिया में 70 लाख लोगों की मौतें हुईं।
देश में डॉक्टरों की कमी से पूरी दुनिया अवगत है, लेकिन भारत सरकार इस ओर कोई खास कदम नहीं उठाई। इसकी चर्चा करते हुए डॉ. साधना ने कहा कि त्रिपुरा राज्य में मात्र एक कार्डियोलॉजिस्ट है। इतना ही नहीं त्रिपुरा राज्य के प्रत्येक जिले में फिजिशिएन की भारी कमी है जिसके कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
चर्चा के दौरान हाइपरटेंशन व ट्रांसफैट को रोकने के लिए सरकार, दवा कंपनी, कॉरपोरेट अस्पताल व गैर सरकारी संगठन की भूमिका पर भी जोर दिया गया।
पूरी दुनिया में गैर संचारी रोगों को साइलेंट किलर माना जाता है। साल 2011 में संयुक्त राष्ट्र ने हाइपरटेंशन समेत सभी गैर संचारी रोगों की रोकथाम के लिए साल 2020 का लक्ष्य तय किया था, लेकिन भारत सरकार की लचर स्वास्थ्य नीति से इसे हासिल करना नहीं दिखता है।
क्या है हाइपरटेंशन
हाइपरटेंशन में ब्लड प्रेशर 140 के पार पहुंच जाता है। शरीर के माध्यम से धमनियों की दीवारों से रक्त जो फैलता है उसे रक्तचाप कहा जाता है। आमतौर पर दिनभर में ब्लडप्रेशर कई बार बढ़ता और घटता है लेकिन अगर ये लंबे समय तक ज़्यादा बना रहे तो इससे सेहत को कई नुकसान हो सकते हैं। हाई बीपी की वजह से ह्रदय रोग और स्ट्रोक का खतरा रहता है जो कि भारत में मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है।
जानलेवा बीमारी है
हाई ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन हर साल 1.5 मिलियन लोगों की जान लेती है।
क्या हैं कारण
देर से भोजन करना, स्मार्टफोन पर लंबे समय तक रहना और शारीरिक व्यायाम ना करना जैसी आधुनिक जीवनशैली की आदतों की वजह से हाइपरटेंशन की समस्या होने लगती है। कुछ कारण ऐसे भी होते हैं जिनके लिए आप जिम्मेदार नहीं होते जैसे उम्र, लिंग, जीवनशैली आदि। ये उच्च रक्तचाप का कारण बनते हैं।
हाइपरटेंशन का कारण
90 प्रतिशत मरीज़ों को पता ही नहीं चला कि वे हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी से कैसे ग्रस्त हो गए। उच्च रक्तचाप का सामान्य कारण एथेरोसेलेरोसिस है। एथेरोसेलेरोसिस के कई कारण जिम्मेदार हैं जो हाइपरटेंशन पैदा करते हैं जिनमें स्ट्रेस, आधुनिक जीवनशैली, गलत खानपान और शारीरिक व्यायाम की कमी आदि शामिल है।
इनमें से कुछ लोगों को हाई ब्लड प्रेशर के साथ सेकेंडरी हाइपरटेंशन की बीमारी थी जिसमें उच्च रक्तचाप खुद किडनी रोग, थायराएड रोग, पिट्यूट्री ग्लैंड, प्रेग्नेंसी, ओबेसिटी और अनिद्रा या किसी दवा के हानिकारक प्रभाव के कारण पैदा होता है।
हाइपरटेंशन से बचाव
लोगों को क्रियाशील जीवनैशली अपनानी चाहिए जिससे वज़न कम या संतुलित रहे। यहां तक कि आप थोड़ा सा वज़न घटाकर भी हाई ब्लडप्रेशर की समस्या से बच सकते हैं। नियमित शारीरिक व्यायाम भी जरूरी है। जो लोग रोज़ाना शारीरिक व्यायाम करते हैं उनमें रक्तचाप की समस्या का खतरा आधुनिक जीवनशैली जीने वाले लोगों की तुलना में कम रहता है। हाइपरटेंशन के खतरे को कम करने के लिए आप कुछ डाइट टिप्स भी अपना सकते हैं जिनकी मदद से आपका वज़न भी संतुलित रहेगा। लेकिन धूम्रपान से दूर रहें और शारीरिक व्यायाम ज़रूर करें।
आज के समय में हर किसी पर अपना टारगेट पूरा करने का बोझ है और इस वजह से वो गलत जीवनशैली जीने पर मजबूर होते जा रहे हैं। इस वजह से हाइपरटेंशन का खतरा बढ़ रहा है।