जनजीवन ब्यूरो / दिल्ली : केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने सोमवार को केंद्रीय मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया । कुशवाहा ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेज दिया है । मंगलवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है। कुशवाहा के इस कदम से बिहार में राजनीतिक समीकरण पर असर पड़ सकता है।
त्यागपत्र की घोषणा करते समय दिल्ली में पत्रकारों के सामने कुशवाहा ने भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी को जमकर कोसा। कुशवाहा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे अपने इस्तीफे में कहा है आपके नेतृत्व द्वारा धोखा दिए जाने से मैं निराश हूं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार की प्राथमिकता गरीबों के लिए काम करना नहीं बल्कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों से निपटना है।
वहीं कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार से इस्तीफा देने वाले राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को राजग से अलग होने के फैसले के लिए बधाई दी है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘‘भाजपा और नीतीश कुमार के किसान, युवा, महिला सुरक्षा, गरीब उत्पीड़न तथा बिहार की जनता की अनदेखी से व्यथित उपेंद्र कुशवाहा जी ने भी मोदी जी को ख़ारिज कर राजग से बाहर जाने का निर्णय लिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सत्ता को सच बताने के लिए, कुशवाहा जी को मुबारकबाद। आइये, एक नव भारत का निर्माण करें।’’
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी प्रमुख पिछले कुछ सप्ताहों से भाजपा और उसके अहम सहयोगी दल जदयू के नेता, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे हैं। रालोसपा को 2019 के लोकसभा चुनाव में दो से ज्यादा सीटें नहीं मिलने के भाजपा के संकेतों के बाद से कुशवाहा नाराज चल रहे हैं। दूसरी ओर भाजपा और जदयू के बीच बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने की सहमति बनी है। बिहार से लोकसभा में 40 सांसद आते हैं।
पीएम ने की बिहार की अनदेखी: कुशवाहा
पीएम नरेंद्र मोदी को अपना इस्तीफा भेजने के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुशवाहा ने कहा, ‘पीएम ने बिहार को विशेष पैकेज देने की घोषणा की थी लेकिन कुछ नहीं मिला। बिहार आज भी वहीं खड़ा है जहां पहले खड़ा था। राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है।’ ऐसी भी खबरें हैं कि वह विपक्ष की बैठक में शामिल हो सकते हैं। बता दें कि बिहार में सीट बंटवारे पर कुशवाहा काफी समय से बीजेपी से नाराज चल रहे थे। वह राज्य में ज्यादा सीटों पर दावेदारी कर रहे थे लेकिन बीजेपी ने उनकी मांग को तवज्जो नहीं दी थी।
पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए कुशवाहा ने कहा कि बिहार के लोगों की पीएम मोदी जो उम्मीद थी उसपर वह खड़ा नहीं उतर पाए। उन्होंने कहा, ‘ओबीसी के लोग निराश हुए हैं। ओबीसी वर्ग आज ठगा हुआ महसूस कर रहा है। पीएम मोदी ने ओबीसी के कमजोर तबके के वर्गीकरण की बात कही थी लेकिन उसे भी कमिटी बनाकर टाल दिया गया।’
आरएसएस पर भी निशाना
कुशवाहा ने कहा, ‘सबकुछ समझने के बाद मुझे लगता है कि आरएसएस के अजेंडे को लागू करने के लिए मुझे कैबिनेट में एक मिनट के लिए भी नहीं रुकना चाहिए। इसलिए मैंने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही मैंने फैसला किया है कि आरएलएसपी एनडीए का हिस्सा नहीं रहेगा।’
सीएम नीतीश कुमार पर भी बोला हमला
कुशवाहा और नीतीश की अदावत किसी से छिपी नहीं है। कुशवाहा ने इस्तीफे के बाद नीतीश पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘नीतीश कुमार के राज में बिहार में घोर अन्याय हुआ है। राज्य सरकार हर मोर्चे पर असफल साबित हुई है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार और बीजेपी ने उनकी पार्टी को बर्बाद करने की कोशिश की। उन्होंने कहा, ‘नीतीश का अजेंडा मुझे बर्बाद करने का था। मेरी पार्टी को नुकसान पहुंचाने का प्रयास इनकी तरफ से होता रहा। बीजेपी ने भी हमें नुकसान पहुंचाने की कोशिश की।’
कुशवाहा के इस्तीफे के पीछे का कारण
कुशवाहा सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर पीएम मोदी से मुलाकात करना चाहते थे लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया। कुशवाहा की पार्टी ने बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार और बिहार में नीतीश कुमार सरकार की तीखी आलोचना की थी। इसके बाद आरएलएसपी के एक नेता ने कहा था, ‘एनडीए में आरएलएसपी के होने का अर्थ बीजेपी और एलजेपी से गठबंधन था। नीतीश कुमार की जेडीयू के साथ हमारा कोई गठबंधन नहीं है। वह पिछले साल गठबंधन में शामिल हुए हैं जबकि हम 2014 से ही एनडीए का हिस्सा हैं।’
उपवास के बहाने बिहार सरकार पर हमला
शनिवार को कुशवाहा ने भी उपवास के बहाने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर सियासी हमला बोला था। औरंगाबाद के देवकुंड में केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन मुहैया नहीं कराए जाने का आरोप लगाते हुए कुशवाहा ने कहा, ‘राजनीति अपनी जगह है लेकिन शिक्षा के नाम पर राजनीति सही नहीं है। औरंगाबाद और नवादा के लिए केंद्र सरकार के भेजे प्रस्ताव के बावजूद बिहार सरकार ने केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराई, वरना आज इन विद्यालयों में भी पढ़ाई शुरू हो जाती।’
बिहार में जातिगत गणित
बिहार में यादवों का आरजेडी का कोर वोटर माना जाता है। राज्य में यादवों की आबादी करीब 15 फीसदी है। वहीं, आरजेडी को मुसलमानों का भी भरपूर समर्थन मिलता है। बिहार में मुस्लिमों की आबादी भी 15 फीसदी से ज्यादा है। कुशवाहा कोइरी समाज से आते हैं और बिहार की आबादी में कोइरी आबादी 3 फीसदी है। कुशवाहा बिहार के सीएम नीतीश कुमार के विरोधी भी माने जाते हैं