जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के दोनों पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और अखिलेश विपक्षी दलों की बैठक से नदारद रहे। यह बैठक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने बुलाई थी। बैठक में कांग्रेस सहित कुल 16 विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए। बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं एचडी देवगौड़ा, कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी तथा पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, अशोक गहलोत, मल्लिकार्जुन खड़गे एवं गुलाब नबी आजाद ने भी शिरकत की।
संसद भवन की बैठक में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी, नेशनल कान्फ्रेंस (नेकां) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा के महासचिव एस सुधाकर रेड्डी भी भाग ले रहे हैं। हालांकि, इस बैठक में ।
इनके साथ ही द्रमुक के अध्यक्ष एमके स्टालिन, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव, राष्ट्रीय लोक दल के अजित सिंह और लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव भी इस बैठक में मौजूद हैं।
इस बैठक का समन्वय आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू कर रहे हैं। वह पिछले कुछ समय से सभी विपक्षी दलों के नेताओं को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाते आ रहे हैं। बैठक के दौरान विपक्ष के सांसद शीतकालीन सत्र के लिए संयुक्त रणनीति पर चर्चा की जा सकती है।
माना जा रहा है कि बैठक के दौरान विपक्षी दल सरकारी विधेयकों और राफेल सौदे तथा किसानों से संबंधित मुद्दों पर अपना रुख स्पष्ट कर सकते हैं। इससे पहले चंद्रबाबू नायडू सोमवार सुबह दिल्ली पहुंचे और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और कांग्रेस नेता अहमद पटेल से मुलाकात की थी।
इससे पहले यह बैठक 22 नवंबर को प्रस्तावित थी लेकिन कई नेताओं के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव प्रचार में व्यस्त होने के चलते ये बैठक आज यानी 10 दिसंबर तक के लिए टाल दी गई थी। इससे पहले 1 नवंबर को जब चंद्रबाबू नायडू दिल्ली आए थे तब मायावती, अखिलेश यादव और मुलायम सिंह से भी मुलाकात की थी।
पीएम मोदी ने विपक्ष से कहा जनहित में हमें एक दूसरे से सहयोग करना होगा
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में संसद को सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार और विपक्ष के नेताओं से सहयोग करने की बात कही। संसद के शीतकालीन सत्र से पहले सोमवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कहा कि संसद में सुचारू रूप से कामकाज चलाने के लिए सरकार और विपक्ष को एक दूसरे से सहयोग करना चाहिए, जो कि जनहित में है।
संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक में प्रधानमंत्री के हवाले से कहा कि उन्होंने (प्रधानमंत्री ने) विपक्ष को भरोसा दिलाया है कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा करने को इच्छुक है। समझा जाता है कि सरकार ने यह सुझाव भी दिया है कि दोनों सदन अहम विधायी कार्य करने और महत्पपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए देर तक कामकाज कर सकते हैं।
तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री का मानना है कि सरकार और विपक्ष, दोनों को ही संसद को सुचारू रूप से चलाने के लिए सहयोग करना होगा क्योंकि यह जनहित में है। मंत्री ने कहा कि मोदी ने विभिन्न पार्टियों के नेताओं से यह भी कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा करने को इच्छुक है।
सरकार सत्र के दौरान अनुपूरक अनुदानों की मांग पेश करेगी, जिसके जरिए वह और अधिक खर्च के लिए संसद की मंजूरी लेगी।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के मुताबिक विपक्ष ने स्पष्ट कर दिया है कि शीतकालीन सत्र में राफेल विमान सौदे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग और भारतीय रिजर्व बैंक की स्वायत्तता तथा जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग सहित कई अन्य मुद्दे उठाए जाएंगे।