जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । कांग्रेस के नेता सज्जन कुमार को 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे में सजा मिलने के बाद बीजेपी व कांग्रेस आमने सामने आ गई है। बीजेपी ने कमलनाथ के ऊपर सवाल उठाते हुए कहा कि कैसे उन्हें सीएम बनाया गया। इसपर कांग्रेस ने भी भाजपा को गुजरात दंगों की याद दिलाई है और पीएम मोदी को घेरा।
कमलनाथ के बचाव में उतरी कांग्रेस ने गुजरात दंगों की याद बीजेपी के नेताओं को दिलाई है। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने साफ तौप पर कहा कि अदालत के फैसले को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। सज्जन किसी पद पर नहीं हैं और न ही उन्हें टिकट दिया गया। सिब्बल का कहना है कि कमलनाथ पर कोई एफआईआर नहीं हुई है। यदि कमलनाथ दोषी हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दोषी हैं। उनपर भी कमलनाथ जैसे ही आरोप लगे हैं। वो कैसे पीएम बन गए इसकी जांच होनी चाहिए।
दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस राजनीतिक षड्यंत्र के पीछे जिन लोगों का हाथ था उन्हें सजा मिलनी चाहिए। इसके जवाब में कांग्रेस का कहना है कि गुजरात में 2002 में जो दंगे हुए उन्हें भी अदालत ने षड्यंत्र बताया था। ऐसे में दंगों की आरोपी माया कोडनानी के पीछे जो लोग थे उन्हें भी सजा मिलनी चाहिए।
1984 में दंगे भड़काने के आरोप सज्जन कुमार और कमलनाथ पर लगे थे। दंगा पीड़ित लोगों ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर भी सवाल उठाए हैं। हालांकि कमलनाथ का कहना है कि वह निर्दोष हैं। अदालत के फैसले के बाद जेटली ने कहा, ‘यह विडंबना है कि ये आया उस दिन है कि जब सिख समाज जिस दूसरे नेता को दोषी मानता है, कांग्रेस उसे मुख्यमंत्री की शपथ दिला रही है।’
अकाली दल के लोकसभा सदस्य प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने सोमवार को उच्च न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा, ‘कांग्रेस सिख समाज को यह जवाब दे कि कमलनाथ को कैसे मुख्यमंत्री बना दिया गया जबकि उनके साथी को सिख दंगा मामले में उम्रकैद की सजा सुनायी जा रही है। मैं समझता हूं कि अगर कांग्रेस ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से नहीं हटाया तो उसे सिख समाज का गुस्सा झेलना पड़ेगा।’