जनजीवन ब्यूरो / रायपुर । छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कैबिनेट का विस्तार हुआ। इस दौरान सभी विधायकों ने हिंदी में शपथ लिया मगर कोंटा के विधायक कवासी लखमा अपना शपथ नहीं पढ़ पाए, उनकी शपथ राजयपाल ने पूरी कराई।
मंच पर जब कवासी लखमा का नाम पुकारा गया तब वह शपथ ग्रहण करने के लिए आए मगर औपचारिक शिक्षा नहीं हासिल करने के कारण वह खुद शपथ नहीं पढ़ सके। जिसके बाद छत्तीसगढ़ का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहीं राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने पूरी शपथ पढ़ी। लखमा इस दौरान राज्यपाल के पीछे-पीछे शपथ दोहराते नजर आए।
विधायक से पहले बने सर्वश्रेष्ठ सरपंच
कवासी लखमा का जन्म साल 1953 में सुकमा जिले के नागारास गांव में हुआ था। उनकी पत्नी का नाम कवासी बुधरी है और उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं।अनुसूचित जाति से आने वाले लखमा राज्य के गठन के बाद से ही लगातार चुनाव जीतते रहे हैं। वह बस्तर की कोंटा सीट से विधायक है। विपक्ष में रहते हुए वह उप नेता विपक्ष की भूमिका निभा चुके हैं।
लखमा ने औपचारिक शिक्षा भले ही नहीं हासिल की हो मगर इसके बावजूद वह न्यूजीलैण्ड, आस्ट्रेलिया और सिंगापुर जैसे कई देशों की यात्रा कर चुके हैं। मूल रूप से किसानी का काम करने वाले लखमा को आदिवासी पारंपरिक नृत्य में भी महारथ हासिल है।