जीवन ब्यूरो
बीजिंग । चीन में आतंकियों के साथ रिश्तों के संदेह में गिरफ्तार किए गए भारतीय राजीव मोहन को रिहा कर दिया गया है। 46 साल के राजीव मोहन कुलश्रेष्ठ एक बिजनेसमैन हैं। कुलश्रेष्ठ नोएडा के सेक्टर 65 में एक तीन मंजिली इमारत में प्रयास एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी चलाते हैं।
इस बीच, पता चला है कि सारा विवाद एक डॉक्यूमेंट्री की वजह से हुई। गिरफ्तार किए गए टूरिस्ट्स में शामिल सामाजिक कार्यकर्ता हुसैन जैकब (74) और उनकी पत्नी ताहिरा (68) के प्रवक्ता एक ब्रिटिश अफसर ने बताया कि सारा कन्फ्यूजन उस डॉक्यूमेंट्री वीडियो की वजह से हुआ, जो 13 वीं शताब्दी के मंगोलियाई शासक चंगेज खान पर आधारित था। टूरिस्ट इसे देखकर क्षेत्र से जुड़ी जानकारी बढ़ा रहे थे।
प्रवक्ता के मुताबिक, चीनी अधिकारियों ने इसे प्रोपेगैंडा मटीरियल मान लिया। टूरिस्ट्स का ग्रुप गिरफ्तारी से एक दिन पहले ही चंगेज खान म्यूजियम भी गया था। चीनी अधिकारियों ने यह नहीं साफ किया कि चंगेज खान की डॉक्यूमेंट्री देखने पर क्या आपत्ति थी? हालांकि, चीनी अधिकारी बीते कुछ वक्त से मंगोल नागरिकों को ज्यादा अधिकार दिए जाने की मांग करने वाले संगठनों पर कार्रवाई करते रहे हैं। 1996 में एक मशहूर मंगोल नेता को अलगाववाद के आरोपों में जेल भी भेजा चुका है।
10 जुलाई को कुलश्रेष्ठ 19 और विदेशी सैलानियों के साथ उत्तरी चीन में गिरफ्तार किए गए थे। इन पर एक आतंकी ग्रुप से रिश्ता होने का संदेह जताया गया था। चीन ने 11 लोगों को रिहा कर दिया। वहीं कुलश्रेष्ठ, पांच दक्षिण अफ्रीकी और तीन ब्रिटिश सैलानियों को बिना किसी आरोप के इनर मंगोलिया के एक डिटेंशन सेंटर में रखा गया। चीन के अधिकारियों ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों में से कुछ आतंकवादियों का प्रोपेगैंडा वीडियो देख रहे थे। इन लोगों की रिहाई के लिए निगोशिएट करने वाली संस्था ‘गिफ्ट ऑफ द गिवर्स’ ने कहा कि किसी के भी आतंकियों से रिश्ते नहीं थे। शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह ग्रुप 47 दिनों की ट्रिप पर था। इन्हें मंगोलिया के इरडोस शहर के एजिन होरो एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया। टूरिस्ट्स से संपर्क न होने पर उनके टूर ऑपरेटर को किसी अनहोनी की आशंका हुई और उसने ब्रिटिश सरकार को इसकी जानकारी दी। इसके बाद मामला सामने आया।