जनजीवन ब्यूरो / भुवनेश्वर: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रियंका के पॉलिटिकल पारी के आगाज पर कहा कि ऐसा कहना सही नहीं है कि यह फैसला 10 दिन पहले हुआ। मेरी बहन के राजनीति में आने का फैसला सालों पहले ही हो गया था। वह बच्चों के कारण देर से आईं क्योंकि उनके बच्चे काफी छोटे थे। उनका कहना था कि वह बच्चों की देखभाल के लिए उनके साथ रहना चाहती हैं। अब उनका एक बच्चा यूनिवर्सिटी में है। दूसरी संतान भी जल्द ही यूनिवर्सिटी जाने वाली है और इसलिए उन्होंने सक्रिय राजनीति में आने का फैसला कर लिया।
वरूण गांधी के कांग्रेस में शामिल होने संबंधी अटकलों पर राहुल गांधी ने कहा कि इसकी कोई जानकारी नहीं है।
मेरे और प्रियंका के विचार एक जैसे
राहुल ने कहा कि अगर आप एक ही मुद्दे पर मुझसे और मेरी बहन से बात करेंगे तो यह थोड़ी अजीब बात है, लेकिन हमारा विचार अक्सर एक जैसा होता है। अगर आप मुझे फोन करेंगे और फिर मेरी बहन को और एक ही मुद्दे पर बात करेंगे तो 80% समय हमारी राय एक होगी।
हर संस्थान में हो रहा आरएसएस का दखल
राहुल गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भाजपा का अभिभावक है। यह मानता है कि देश में केवल यही एक संगठन है और इसे देश के हर संस्थान में इसे पहुंचाया जा रहा है। सत्ता केंद्रीकरण हो रहा है और संस्थाओं को बर्बाद है। कहा गया कि जस्टिस के मर्डर में भाजपा अध्यक्ष का हाथ है। यह पहले कभी नहीं हुआ था। आप नार्थ ब्लॉक जाइए वहां हर कोई कहेगा कि ओएसडी रखने के निर्देश भी नागपुर से मिलते हैं।
भुवेश्वर में राहुल ने कहा कि हम लोगों की सुनते हैं। नरेंद्र मोदी जी की तरह नहीं जो समझते है कि उन्हें सबकुछ पता है और सुझाव की कोई गुंजाइश नहीं है। यह अंतर है भाजपा और कांग्रेस में।
रोजगार सृजन के मामले में चीन से सीखना होगा
कार्यक्रम में बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमें चीन से प्रतिस्पर्धा करनी है। हमें यह मानना होगा कि सबसे बड़ी चुनौती चीन की तरह लगातार रोजगार पैदा करने की है। स्वचलित यंत्रों के बावजूद चीन में रोजगार पर असर क्यों नहीं पड़ा? जब मैं कैलाश मानसरोवर गया था तब मैं वहां के मंत्रियों से मिला जिन्होंने मुझे बताया कि रोजगार पैदा करना कोई चुनौती नहीं है। अगर आप चीजों को बना रहे है और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हैं तो कोई समस्या नहीं होगी।