जजनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 70वें गणतंत्र दिवस की पूर्वसंध्या पर नानाजी देशमुख, भूपेन हजारिका और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की है नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को मरणोपरांत भारत रत्न दिया जाएगा।
प्रणब मुखर्जी कांग्रेस की सरकारों में विदेश मंत्री सहति कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। इससे पहले वह एनडीए सरकार में प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति भी रह चुके हैं। वहीं, असम के भूपेन हजारिका जाने माने गायक रहे हैं। राष्ट्रपति बनने से पहले प्रणव मुखर्जी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे। वह UPA-1 और UPA-2 सरकारों में महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे। कुछ महीने पहले संघ के कार्यक्रम में उनके शामिल होने को लेकर भी काफी बहस हुई थी।
संघ से जुड़े नानाजी देशमुख पूर्व में भारतीय जनसंघ से जुड़े थे। 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद उन्होंने मंत्री पद स्वीकार नहीं किया और जीवनभर दीनदयाल शोध संस्थान के अंतर्गत चलने वाले विविध प्रकल्पों के विस्तार के लिए कार्य करते रहे। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया था। वाजपेयी के कार्यकाल में ही भारत सरकार ने उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य व ग्रामीण स्वालंबन के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिए पद्म विभूषण भी प्रदान किया।
भूपेन हजारिका पूर्वोत्तर राज्य असम से ताल्लुक रखते थे। अपनी मूल भाषा असमिया के अलावा भूपेन हजारिका ने हिंदी, बंगला समेत कई अन्य भारतीय भाषाओं में गाने गाए। उन्होंने फिल्म ‘गांधी टू हिटलर’ में महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन ‘वैष्णव जन’ गाया था। उन्हें पद्मभूषण सम्मान से भी सम्मानित किया गया था। 8 सितंबर 1926 में भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम के सदिया में जन्मे हजारिका ने अपना पहला गाना 10 साल की उम्र में गाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर तीनों हस्तियों को भारत रत्न दिए जाने पर खुशी जाहिर की है।
पीएम बोले, प्रणव दा उत्कृष्ट राजनेता
प्रणव मुखर्जी के बारे में पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘प्रणव दा हमारे समय के उत्कृष्ट राजनेता हैं। उन्होंने दशकों तक निस्वार्थ भाव से अनवरत देश की सेवा की है। उन्होंने राष्ट्र के विकास पथ पर एक मजबूत छाप छोड़ी है।’ मुखर्जी के ज्ञान की प्रशंसा करते हुए पीएम ने कहा कि मुझे खुशी हुई कि उन्हें भारत रत्न दिया गया है।