जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के मॉनसून सत्र के हंगामेदार होने की संभावना को देखते हुए सोमवार को एनडीए के घटक दलों की बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि बैठक में सत्र के दौरान विपक्ष के हमलों का जवाब देने की रणनीति बनाई जाएगी। 2014 में सरकार बनाने के बाद ये पहला मौका है जब पीएम की ओर से घटक दलों की बैठक बुलाई गई है। कुछ दिन पहले ही शिवसेना की ओर से एनडीए की बैठक बुलाए जाने की मांग की गई थी।
भूमि विधेयक, व्यापमं घोटाले और ललित मोदी प्रकरण को लेकर विपक्ष संसद के बाहर अपने तेवर पहले ही दिखा चुका है। सदन के अंदर विपक्षी दलों के हमले को रोकना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।
लोकसभा में जहां बीजेपी की अगुवाई वाले घटक दलों का बहुमत है, वहीं राज्यसभा में इसके पास बहुमत के लिए जरूरी संख्या बल नहीं है। राज्यसभा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है और जीएसटी तथा भूमि विधेयक जैसे अहम विधेयकों को पारित कराने में उसकी भूमिका अहम है।