जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । बजट में आज 5 लाख तक की इनकम पर टैक्स छूट के ऐलान ने मिडिल क्लास को कुछ देर के लिए चक्कर में डाल दिया। पहले लोगों का ऐसा चेहरा खिला की संसद में भी मोदी-मोदी के नारे गूंज उठे, लेकिन बाद में असली पिक्चर सामने आने पर 5 लाख से ज्यादा इनकम वालों के चेहरे लटक गए। दरअसल अंतरिम बजट में 5 लाख तक टैक्सेबल इनकम ही टैक्स फ्री की गई है। टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
मतलब अब तस्वीर यह है कि अगर आपकी टैक्सेबल इनकम (टैक्स छूट घटाने के बाद) 5 लाख से ज्यादा है, तो आपको मौजूद टैक्स स्लैब के हिसाब से ही टैक्स चुकाना होगा। कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट के बाद यह बात क्लियर की और ऐसा क्यों किया, इसकी वजह भी बताई। बजट में मिडिल क्लास के लिए एक छूट की छोटी से बूंद स्टैंडर्ड डिडक्शन के जरिए आई है, जिसे 40 हजार से बढ़ाकर 50 हजार किया गया है।
क्या है फंडा
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि टैक्स के प्रपोजल जुलाई में आने वाले मुख्य बजट में आएंगे। उन्होंने कहा, ‘मैंने टैक्स में कोई बदलवा नहीं किया है। टैक्स रेट और लिमिट के प्रपोजल मेन बजट में तय होंगे। जनता का आशीर्वाद बना रहेगा, तो जुलाई 2019 में मोदी सरकार यह बजट लेकर आएगी।
बताया क्यों किया ऐसा
आखिर 5 लाख की आय वालों को हीयह छूट क्यों दी गई, गोयल ने इसकी वजह भी बताई। उन्होंने कहा, ‘एक ऐसा वर्ग है जो निम्न मध्यम वर्ग है। PM मोदी ने इन्हें नियो मिडिल क्लास कहा था। इन सबको अगर अभी टैक्स लाभ का पता नहीं चलता, तो टैक्स डिडक्शन के कारण फाइनल बजट तक इनकम में कटौती होती और उनकी आमदनी घटती। इससे उनको रिफंड के लिए टैक्स विभाग के पास जाना होता। इस सब असुविधा से बचाने के लिए 3 करोड़ से अधिक टैक्सपेयर्स को यह लाभ दिया गया है।’ उन्होंने कहा कि जिसकी भी टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये तक है, वह इस छूट का हकदार होगा।
क्या है 5 लाख तक की टैक्सेबल इनकम का मतलब
अंतरिम वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने बजट 2019 ने 5 लाख रुपए तक की सालाना आय वालों को सेक्शन 87ए के तहत पूरी तरह से इनकम टैक्स से राहत का प्रताव रखा है। सरकार ने इस बजट में इनकम टैक्स से राहत तो प्रदान की है, लेकिन टैक्स स्लैब में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है। टैक्स स्लैब में बदलाव पर बात करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि आगली सरकार में जो भी वित्तमंत्री होगा, ये उस पर निर्भर करता है कि वह टैक्स स्लैब में बदलाव करते हैं या नहीं।
मौजूदा वक्त में 2।5 लाख तक की सालाना वेतन (60 साल की उम्र तक) पर कोई टैक्स नहीं लगता है। जबकि 60 से 80 वर्ष से टैक्सपेयर के लिए ये छूट 3 लाख रुपए तक की है। वहीं सुपर सीनियर सिटीजन यानी 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को 5 लाख रुपए तक की छूट प्रदान की जाती है।
क्या टैक्स स्लैब में कोई बदलाव हुआ है, इस सवाल का जवाब देते हुए अंतरिम वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं किया गया है। यदि किसी टैक्सपेयर की आय 8 लाख रुपए है तो उसे सिर्फ 3 लाख रुपए तक की ही छूट मिलेगी। जबकि वे टैक्सपेयर जिनकी सालाना आय 5 लाख रुपए तक है, उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होगा।
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पांच लाख से ज्यादा इनकम वालों के लिए क्या?
वित्त मंत्री ने कहा, ‘जिनकी इनकम पांच लाख से ज्यादा है, उनके लिए जो पुराना टैक्स स्लैब है, उसे जारी रखा गया है। उसके ऊपर जब मेन बजट आएगा, तब विचार किया जाएगा। अभी के अंतरिम बजट में इसे शामिल नहीं किया गया है।
पांच लाख से ज्यादा आय वालों के लिए बस 10 हजार की छूट
इस बजट में मिडल क्लास के पल्ले सिर्फ 10 हजार की सीधी छूट आई है। पांच लाख से ज्यादा वेतन पाने वालों को स्टैंडर्ड डिडक्शन 40 हजार था, जिसे बढ़ाकर 50 हजार किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि इस छूट के बाद कोई 5 लाख से नीचे आता है, तो उसे भी लाभ मिलेगा।