जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । नरेंद्र मोदी सरकार ने 2019 के बजट में नौकरीपेशा लोगों को तोहफा दिया है। स्टैंडर्ड डिडक्शन 40,000 रुपये से बढ़कर 50,000 रुपये हो गया है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को अंतरिम बजट में इसका एलान किया।
बजट 2018 में मेडिकल रीइंबर्समेंट पर 15,000 रुपये और ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर 19,200 रुपये तक की टैक्स छूट की जगह 40,000 रुपये तक के स्टैंडर्ड डिडक्शन को लाया गया था। वित्त वर्ष 2017-18 तक सैलरी में मेडिकल रीइंबर्समेंट और ट्रांसपोर्ट अलाउंस टैक्स छूट के अहम विकल्प होते थे।
सरकार का यह कदम वेतनभोगी वर्ग के लिए ज्यादा टैक्स बचत का रास्ता खोलेगा। बजट से पहले ही इस तरह की अटकलें थीं कि मोदी सरकार मध्य वर्ग के लिए इनकम टैक्स में राहत के कुछ विकल्प देगी।
उद्योग चैंबर सीआईआई ने बजट पूर्व चर्चा में स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ मेडिकल के खर्च पर रीइंबर्समेंट और ट्रांसपोर्ट अलाउंस को दोबारा लाने का सुझाव दिया था।
केंद्रीय बजट 2005-06 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने स्टैंडर्ड डिडक्शन को खत्म किया था। इसके पहले तक यह आयकर कानून का हिस्सा हुआ करता था।