जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली ; अपने चुनावी घोषणा पत्र को बनाने के लिए भाजपा देश के दस करोड़ लोगों से संवाद करेगी। आज यानी तीन फरवरी से लोग पार्टी को ऑन लाइन या एक पत्र के जरिए यह बता सकेंगे कि किसी बिंदु पर उनकी क्या अपेक्षाएं हैं, या पार्टी के घोषणा पत्र में किन विषयों को जगह मिलनी चाहिए और किसी समस्या का समाधान क्या होना चाहिए। प्रमुख विषयों के हिसाब से जनता की राय का अध्ययन करने के बाद पार्टी अपना चुनावी घोषणा पत्र तैयार करेगी जिसे पार्टी ने संकल्प पत्र का नाम दिया है।
लोगों की राय का विषय और राज्य के अनुसार संकलन किया जाएगा। प्रत्येक राज्य से उनकी एक संरचना केंद्र को भेजी जाएगी जहां केंद्र की एक टीम प्रमुख सुझावों का संकलन कर समिति के सामने रखेगी। इसके बाद पार्टी के शीर्ष नेता गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली समिति संकल्प पत्र को अंतिम रुप देगी।
पीएम की सोच का नतीजा
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को दिल्ली में 2019 चुनाव के संकल्प पत्र के लिए लोगों की राय जानने के कार्यक्रम की शुरुआत की। संकल्प पत्र पर लोगों की राय लेने के इस सोच के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच को प्रमुख कारण बताया जा रहा है। संभवत: यही कारण है कि जिन 300 विशेष वाहनों को लोगों की राय जानने के लिए राज्यों में भेजा जा रहा है, उन पर ‘भारत की बात, मोदी के साथ’ लिखा गया है। प्रधानमंत्री मोदी की हमेशा से यह कोशिश रही है कि उनके किसी भी कार्यक्रम में जनभागीदारी अधिक से अधिक हो।
इसके जरिये उनकी कोशिश कार्यक्रम को एक प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की बजाय जनता का कार्यक्रम बनाने की रही है। वे अपने विषयों का चुनाव भी जनता की पसंद के हिसाब से तय करते रहे हैं। जब विपक्ष उनके रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ को सिर्फ पीएम के मन की बात बताने की कोशिश कर रहे थे, वे हर कार्यक्रम में लोगों के सवालों सुन रहे थे और उनका जवाब दे रहे थे। संकल्प पत्र की मौजूदा कवायद को भी पीएम की उसी सोच का नतीजा बताया जा रहा है।
भावनात्मक रुप से लोगों को जोड़ने की कोशिश
पार्टी के एक वरिष्ठ प्रवक्ता ने कहा कि भारत की जनता बहुत संवेदनशील होती है। संकल्प पत्र तैयार करने के पहले जनता से उनकी राय पूछी जाती है तो इससे उनके अंदर यह संदेश जाएगा कि पार्टी बनाने में, संकल्प पत्र बनाने में उनकी भूमिका भी महत्त्वपूर्ण है। जनता को पार्टी या सरकार से जोड़ने के लिए यह एक महत्त्वपूर्ण कारक हो सकता है।
लोगों तक पहुंच की सीधी जानकारी रखना
जनता को जिस पत्र पर अपनी राय देने के लिए कहा गया है, उस पर उनके नाम के साथ उनका नंबर भी अंकित किया जाएगा। पार्टी इसके माध्यम से यह सुनिश्चित करना चाहती है कि कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर कितने लोगों से सीधे संपर्क बना रहे हैं। पार्टी के एक नेता के मुताबिक मोबाइल नंबरों पर बात भी की जाएगी जिससे उनकी विश्वसनीयता बनी रहे।